हिमाचल प्रदेश: राज्य चयन आयोग करेगा राज्य में भर्ती, मंत्रिमंडल ने लिया निर्णय
शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन करेगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के स्थान पर हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की स्थापना का निर्णय लिया गया।
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उन्होंने मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना-2023 को स्वीकृति प्रदान की। राजस्व न्यायालय मामलों के लंबित निर्णयों के मुद्दों का समाधान और तकसीम, दुरुस्ती, इंद्राज, अपील और निशानदेही इत्यादि विभिन्न राजस्व कार्यों को सुव्यवस्थित करने के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में हिमाचल प्रदेश भू-राजस्व (संशोधन) विधेयक-2023 लाने, न्यायालयों में लंबित कर वसूली के मामलों के निपटारे के लिए एक अक्तूबर से 31 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2023 के तीसरे चरण को शुरू करने का निर्णय लिया गया।
वित्त वर्ष 2024-25 से एच.पी.एस.ई.बी.एल., एच.पी.पी.सी.एल. और ऊर्जा निदेशालय के संबंध में रणनीतिक और विद्युत के क्रय एवं विक्रय के समन्वय के लिए एकल ऊर्जा ट्रेडिंग डेस्क स्थापित करने, जलवायु, भौगोलिक और अन्य कारणों से मंदी की अवधि के दौरान ऊर्जा की कमी का प्रबंधन करने के लिए स्वर्ण जयंती ऊर्जा नीति-2021 में संशोधन को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
एस.एम.सी. शिक्षकों के मानदेय को एक अप्रैल से दो हजार रुपये प्रतिमाह बढ़ाने, इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग में कार्यरत अंशकालिक जलवाहकों के मानदेय को 3900 रुपये से बढ़ाकर 4400 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया। पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 1226 पद इनमें 877 पुरूष कांस्टेबल, 292 महिला कांस्टेबल तथा 57 कांस्टेबल चालक शामिल हैं।
वहीं अवैध खनन से संबंधित गतिविधियों पर लगाम के लिए उद्योग विभाग में खनन निरीक्षक के 12 पद, सहायक खनन निरीक्षक के 24 पद और खनन रक्षक के 38 पद भरने, उद्यान विभाग में उद्यान प्रसार अधिकारी के 50 पद भरने का भी निर्णय लिया गया। आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में सांख्यिकी सहायक के 10 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
जनजातीय क्षेत्र नियम, 1995 के लिए किसी एक विशेष योजना के लिए बीजक बजट में व्यय की अधिकतम सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने का भी निर्णय लिया। यह बजट जनजातीय क्षेत्रों में कल्याणकारी और विकासात्मक योजनाओं के लिए प्रदान किया जाता है।
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