बरेली: कोरोना ने उद्यमियों को दिया मंदी का ‘संक्रमण’

बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में कारोबारियों की मांग पर सरकार ने भले ही सभी तरीके की व्यापारिक गतिविधियों में पूर्णता छूट दे दी हो लेकिन मंदी के कारण उद्योगों के हालात बदतर बने हुए हैं। कोरोना ने जिले में मध्यम और लघु उद्योगों को मंदी का ऐसा संक्रमण दिया है कि बाजार में सामान …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में कारोबारियों की मांग पर सरकार ने भले ही सभी तरीके की व्यापारिक गतिविधियों में पूर्णता छूट दे दी हो लेकिन मंदी के कारण उद्योगों के हालात बदतर बने हुए हैं। कोरोना ने जिले में मध्यम और लघु उद्योगों को मंदी का ऐसा संक्रमण दिया है कि बाजार में सामान की मांग सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है।
खरीदारों के पास माल खरीदने का पैसा नहीं बचा है। हालात यह है कि जिले में प्लाई, दवा, केमिकल, गत्ता आदि उद्योगों से प्रति माह 100 करोड़ का होने वाले कारोबार कोरोना काल में सिमटकर महज 30 से 35 फीसदी रह गया है। उद्यमियों का कहना है सरकार ने छूट तो दे दी लेकिन लोगों के पास माल खरीदने को पैसा नहीं है।
लाकडाउन और अनलाक में लोगों की जमा पूंजी खत्म हो चुकी है। उधारी का धंधा करने से भी कारोबार पर फर्क पड़ा है। वहीं दूसरी बात यह भी है जिन लोगों के पास धनराशि है वह भविष्य में संभावित और विषम पस्थितियों को देखते हुए खर्च करने से बच रहे हैं।
क्या कहते हैं उद्यमी
“कोरोना काल में उद्यमियों को करोड़ों की चपत लगी है। अनलाक में छूट मिलने पर फैक्ट्री तो खुल गई, लेकिन तैयार माल की डिमांड नहीं होने से दिक्कत बरकरार है। कई करोड़ का घाटा इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक हो चुका है।” –बिमल रेवाड़ी, उद्यमी
“सरकार को उद्यमी वर्ग को छूट देनी चाहिए। कोराबार आधे के बराबर रह गया है। कारखाने पूरी क्षमता के साथ नहीं चल पा रहे हैं। हालांकि बीते दो महीने जुलाई और अगस्त में कारोबार 20 से 25 फीसदी बढ़ा है। बाजार पूर्णता अनलाक होने से कुछ राहत की उम्मीद है।”–आनंद पाठक, उद्यमी