मुरादाबाद : कॉलोनियों के नाम बदले, फिर खरीदारों का इंतजार

विडंबना : मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की कई कॉलोनियों में अभी भी खाली हैं फ्लैट्स

मुरादाबाद : कॉलोनियों के नाम बदले, फिर खरीदारों का इंतजार

पुरानी योजनाओं के आकर्षित नाम कर लोगों को लुभाने का प्रयास कर रहा प्राधिकरण प्रशासन, परियोजनाओं की कॉलोनी में सड़क, बिजली, पानी, पार्क मनोरंजन के साधन की कमी


मुरादाबाद,अमृत विचार। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की पुरानी परियोजना वाली कॉलोनियों में आवासों के खरीदार न मिलने से अब उनके नाम बदले गए हैं। लेकिन इससे आवासों की बिक्री बढ़ने पर संदेह है। कई बहुमंजजिली आवासीय कॉलोनियों में मकान खंडहर हो गए हैं। उनका रखरखाव न होने, कॉलोनियों में पार्क विकसित न होने से लोग यहां रहने से कतरा रहे हैं। 

 नया मुरादाबाद सेक्टर-बी में भवनों के आवंटन के लिए कई बार ऑफर मिलने के बाद भी खरीदारों ने रुचि नहीं दिखाई। पहले आओ, पहले पाओ सहित अन्य आकर्षक ऑफर देने के बाद भी लोग यहां रहने से बच रहे हैं। इसको देखते हुए मंगलवार को हुई प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में इन परियोजनाओं की नए सिरे से ब्रांडिंग कर लोगों को लुभाने के लिए बहुमंजिली भवन योजना को एन्कलेव नाम देने की स्वीकृति बोर्ड ने सर्वसम्मति से दी।

 नया मुरादाबाद सेक्टर-16बी को समृद्धि विहार एनक्लेव, ढक्का योजना को सतपुड़ा एन्कलेव ईडब्लूएस, अलकनंदा एन्कलेव एलआईजी, ईडब्ल्यूएस भवन मझोला योजना को अरावली एन्कलेव और एलआईजी भवन देहरी मुस्तहकम को विध्यांचल एन्कलेव नाम दे दिया गया है। लेकिन जब तक इन परियोजनाओं की कॉलोनी में सड़क, बिजली, पानी, पार्क, मनोरंजन के साधन, चिकित्सा और मार्ट नहीं होंगे। तब तक महंगे फ्लैट्स के खरीदार शायद ही इस ओर आकर्षित हो। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार का कहना है कि पहले की कई आवासीय परियोजनाओं के नाम बदले गए हैं। इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास कराया जाएगा, जो भी यहां रहेगा उसको असुविधा नहीं होगी, इसका ख्याल रखा जाएगा।

नई टाउनशिप को विकसित करने पर नजर
प्राधिकरण के अधिकारियों की नजर अब 11 गांवों के किसानों से सहमति के आधार पर 1250 हेक्टेयर में प्रस्तावित महत्वाकांक्षी टाउनशिप पर है। किसानों के विरोध को शांत कर उन्हें लिखित आश्वासन दिया गया, जो भी जमीन खरीदी जाएगी, वह किसानों से सहमति पर ही होगी। इस परियोजना के माध्यम से पीतलनगरी को नोएडा, जयपुर की तरह दिखाने की है। उससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आसपास महंगे फ्लैट्स न खरीद पाने वाले भी यहां फ्लैट्स खरीद सकें।

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