छत्तीसगढ़ में ‘भरोसे का सम्मेलन’ कार्यक्रम में शामिल होंगे खड़गे

रायपुर। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरंगे शुक्रवार को राजनांदगांव जिले में राज्य सरकार के ‘भरोसे का सम्मेलन’ कार्यक्रम में शामिल होंगे। अधिकारियों ने बताया कि खड़गे बृहस्पतिवार देर शाम छत्तीसगढ़ पहुंचे।
अधिकारियों ने बताया कि जिले के ठेकवा गांव में दोपहर करीब 12 बजे आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे। पिछले दो महीनों में कांग्रेस शासित राज्य की यह खड़गे की दूसरी यात्रा है।
राज्य में इस वर्ष के अंत तक चुनाव होना है। उन्होंने बताया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे बृहस्पतिवार देर शाम रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, राज्य के मंत्री और कांग्रेस के विधायकों ने उनका स्वागत किया। अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री के साथ आज सुबह ठेकवा गांव के लिए रवाना होंगे।
इससे पहले खड़गे 12 अगस्त को जांजगीर-चांपा जिले में ‘भरोसे का सम्मेलन’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहीं, राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस अध्यक्ष से नौ सवाल पूछे हैं कि उन्हें ‘भारत’ शब्द से समस्या क्यों है और क्या वह सनातन धर्म पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन का समर्थन करने के लिए अपने बेटे (खड़गे के पुत्र) को बर्खास्त करेंगे? बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद सरोज पांडेय ने खड़गे से नौ सवाल किये।
पांडेय ने कहा, ‘‘‘भारत जोड़ो यात्रा’ की वर्षगांठ मनाने वालों को बताना चाहिए कि उन्हें ‘भारत’ शब्द से क्या आपत्ति है। आपके (खड़गे) बेटे ने सनातन धर्म का अपमान करने वाले उदयनिधि स्टालिन का समर्थन किया।
क्या आप इसके लिए माफी मांगेंगे और अपने बेटे को पार्टी से निकालेंगे?’’ उन्होंने छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बढ़ने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या खड़गे जी इसके लिए लोगों से माफी मांगेंगे। उन्होंने खड़गे से भूपेश बघेल सरकार में हो रहे कथित भ्रष्टाचार पर भी बोलने की मांग की।
ठेकवा गांव पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव में आता है। खड़गे का इस क्षेत्र का दौरा चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अविभाजित राजनांदगांव जिले की छह विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में चार पर जीत हासिल की थी। एक-एक सीट भाजपा के रमन सिंह और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के देवव्रत सिंह ने जीती थी। पिछले वर्ष देवव्रत सिंह के निधन के बाद खैरागढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।
कांग्रेस सरकार ने राजनांदगांव से अलग कर दो नया जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई बनाया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल 90 सीटों में से 68 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा 15 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) (जेसीसी-जे) को पांच सीटें और उसकी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो सीटें मिली थीं। कांग्रेस के पास वर्तमान में 71 सदस्य हैं।
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