अयोध्या : आठ शिक्षकों को शिक्षक गौरव व सात को शिक्षक श्री सम्मान
अयोध्या, अमृत विचार। अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में संस्कृति विभाग, सत्यार्थ भारत सेवा मिशन व श्रीसरयू सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक सम्मान समारोह हुआ।
हरिगोपाल धाम पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य ने कहा कि वैदिक परम्परा में माता-पिता के बजाय गुरु का नाम लिखा जाता है। क्योंकि भारतीय सनातन परम्परा ऋषि परम्परा की है। अध्यक्षता करते हुए रंगमहल पीठाधीश्वर महंत रामशरण दास ने कहा कि गुरुओं के मार्गदर्शन में ही सनातन समाज दृढ़ता से आज भी खड़ा है। सांसद लल्लू सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। स्वागत आयोजक श्रीकांत द्विवेदी, अनीता द्विवेदी, ऊष्मा वर्मा, शिप्रा श्रीवास्तव, अनुपमा सिंह व अन्य ने किया। प्रो. डा. लक्ष्मीकांत सिंह, डा. कृष्ण कुमार मिश्र, सुरेन्द्र सिंह, आचार्य ओमप्रकाश ब्रह्मचारी, डा. बीडी द्विवेदी, जगदीश जोशी, श्रीनारायण द्विवेदी, अंकित शुक्ल,अनित दास,तुलसी राम,शशिधर द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
इन शिक्षकों को मिला सम्मान
समारोह में डा. सीताराम अग्रवाल, डा. अजय मोहन श्रीवास्तव, डा. शिवप्रसाद द्विवेदी, डा. ललित मोहन पाण्डेय, डा. हरिश्चंद्र मिश्र, डा. मंजूषा मिश्रा, डा. अशोक कुमार राय को शिक्षक गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। वहीं हरेंद्र सिंह खरबंदा, आचार्य राधेश्याम मिश्र, वीर विक्रमादित्य सिंह, कृष्ण नारायण, अमरनाथ तिवारी व डा. अंकुर द्विवेदी (एक्सेटर विश्वविद्यालय, इंग्लैण्ड) को शिक्षक श्री सम्मान प्रदान किया गया।
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