हल्द्वानी: हिल डिपो की फाइल शासन में खा रही हिचकोले
60 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाकर भेजी थी शासन, वित्तीय मंजूरी के लिए राजधानी में धूल फांक रही फाइल

हल्द्वानी, अमृत विचार। पर्वतीय मार्गों पर बसें चलाने और हल्द्वानी स्टेशन का बोझ कम करने के लिए काठगोदाम में हिल डिपो बनाने की कवायद शुरू की गई थी लेकिन इस योजना के सिर्फ कागजी घोड़े ही दौड़ रहे हैं।
60 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाकर शासन को भेजी गई थी जिसे संशोधन के लिए शासन ने वापस भेजा था। इससे एक साल का समय डिजाइन और डीपीआर बनाने में लग गया था। इसके बाद हिल डिपो का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।
हिल डिपो बनने पर हल्द्वानी से पर्वतीय मार्गों पर जाने वाली रोडवेज की सभी बसों का संचालन यहीं से होगा। साथ ही केमू और टैक्सियों के जरिये पहाड़ से मैदान को जाने वाली सवारियां भी सीधा रोडवेज को मिलेंगी। इस डिपो में यात्रियों की सुविधा के लिए वातानुकूलित विश्राम गृह, कैंटीन, शौचालय आदि का निर्माण भी करवाया जाएगा। साथ ही 40 से अधिक बसों की पार्किंग भी प्रस्तावित है।
मैदानी रूटों के लिए हल्द्वानी और पर्वतीय रूटों के लिए हिल डिपो
नैनीताल रीजन का सबसे बड़ा डिपो काठगोदाम है। जिसके पास हाईटेक वॉल्वो और एसी बसें भी हैं। काठगोदाम में रोडवेज की लगभग 3.5 एकड़ जमीन पर हिल डिपो बनाने का प्रस्ताव बनाया गया था। पहाड़ पर रोडवेज सेवा यहीं से संचालित किए जाने का प्रस्ताव है। यहां से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत आदि जगहों के लिए यात्रियों को यहीं से बसें मिलती। जबकि हल्द्वानी डिपो से मैदानी रूट की बसें संचालित होंगी।
हिल डिपो के लिए परिवहन विभाग ने डीपीआर बनाकर शासन को भेजी है। अभी तक इसे वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है। वित्तीय स्वीकृति मिलने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
-दीपक जैन, महाप्रबंधक, उत्तराखंड परिवहन निगम