बरेली: ‘नकली कक्षा’ में बीएड का प्रैक्टिकल देंगे प्रशिक्षु
बरेली,अमृत विचार। बैचलर ऑफ एजुकेशन ( बीएड) अंतिम वर्ष की अध्यापन प्रयोगात्मक परीक्षा ‘टीचिंग प्रैक्टिकल’ का प्रशासन ने तोड़ निकाल लिया है। इस बार बीएड के प्रशिक्षु नकली कक्षा में अध्यापन करेंगे। शिक्षक उनके पढ़ाने के तौर-तरीके, विषय-भाषा पर पकड़ समेत दूसरे बिंदुओं पर मूल्यांकन कर अंक देंगे। एक-दो दिन में इस विधि से प्रैक्टिकल …
बरेली,अमृत विचार। बैचलर ऑफ एजुकेशन ( बीएड) अंतिम वर्ष की अध्यापन प्रयोगात्मक परीक्षा ‘टीचिंग प्रैक्टिकल’ का प्रशासन ने तोड़ निकाल लिया है। इस बार बीएड के प्रशिक्षु नकली कक्षा में अध्यापन करेंगे। शिक्षक उनके पढ़ाने के तौर-तरीके, विषय-भाषा पर पकड़ समेत दूसरे बिंदुओं पर मूल्यांकन कर अंक देंगे। एक-दो दिन में इस विधि से प्रैक्टिकल कराने का आदेश जारी हो सकता है।
दरअसल, बीएड के प्रैक्टिकल में अध्यापन का भी एक भाग है। इसमें प्रशिक्षुओं को किसी माध्यमिक विद्यालय में दो दिन पढ़ाना होता है। परीक्षक उनके पढ़ाने का मूल्यांकन करते। चूंकि इस बार 30 सितंबर तक माध्यमिक विद्यालय बंद हैं। दूसरी तरफ यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के लिए 31 सितंबर तक स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं संपन्न कराने की समयसीमा निर्धारित कर रखी है। इस स्थिति में प्रशासन ने सिमुलेटेड टीचिंग (अनुकरणीय शिक्षण) विधि से प्रैक्टिकल कराने का निर्णय लिया है। सूत्रों के मुताबिक परीक्षा समिति ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
ऐसे होगा अनुकरणीय शिक्षण
बीएड के जिस प्रशिक्षु का प्रैक्टिकल होगा। वह अपने ही साथियों को माध्यमिक का छात्र मानकर पढ़ाएगा। मसलन अगर किसी प्रशिक्षु ने छठी कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने की तैयारी की है तो उसके साथी कक्षा छह के छात्र बनेंगे और उसी से जुड़े प्रश्न करेंगे। परीक्षक, अध्यापन करने वाले प्रशिक्षु का मूल्यांकन करेंगे। यानी कक्षा तो लगेगी पर उसमें छात्र माध्यमिक के नहीं होंगे। बीएड के एक शिक्षक बताते हैं कि यह एक तरह इसे मिथ्याभ्यास या नकली कक्षा होती है।