मुरादाबाद : ऑपरेशन में अधिक रक्तस्राव से हुई प्रसूता की मौत
नंदिता प्रकरण: रविवार को जन्मा शिशु वेंटीलेटर पर, परिजन व रिश्तेदारों ने सोमवार को वरदान नर्सिंग होम पर किया था हंगामा
मुरादाबाद, अमृत विचार। लाजपतनगर के वरदान नर्सिंग होम में प्रसूता की मौत ऑपरेशन की लापरवाही से हुई है। अधिक रक्तस्राव से प्रसूता की जान चली गई। यह बात प्रसूता के शव के पोस्टमार्टम में साफ हो गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि ऑपरेशन के बाद नंदिता के पेट में रक्तस्राव हुआ। बाद में रक्त जमा हो गया। ऑपरेशन के दौरान कई नसें भी कट गयीं थीं। उधर, नंदिता (28) के शव का मंगलवार शाम चार बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया।
नंदिता के पति आलोक दीक्षित ने बताया कि पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही थी तो उसे रविवार को वरदान नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। ऑपरेशन से उसने बेटे को जन्म दिया था। रात डेढ़ बजे के बाद से उसे पेशाब नहीं हुई थी। उसका दर्द बढ़ता जा रहा था तो नर्सें उसे इंजेक्शन दे रही थीं। कहा, रविवार रात नौ बजे के बाद से पूरी रात तक कोई डॉक्टर वार्ड में नहीं आया था। अगले दिन सोमवार को डॉक्टरों ने नंदिता का दूसरा ऑपरेशन किया था। इसके बाद से उसकी हालत अधिक बिगड़ गई और शाम होते-होते उसकी वरदान नर्सिंग होम में ही मौत हो गई थी।
आलोक दीक्षित ने बताया कि नंदिता से उसका विवाह छह साल पहले हुआ था। परिवार की काफी मनौती के बाद वह गर्भवती हुई थी। नंदिता शर्मा का मायका कांशीराम गौतम बुद्ध पार्क क्षेत्र में है। नंदिता चार बहनों में दूसरे नंबर की थी। वह बीएससी तक पढ़ी थी। बेटी की असमय मौत से उसके पिता सुरेश चंद्र शर्मा के भी आंसू थम नहीं रहे हैं। नंदिता का चार बहनों पर एक छोटा भाई है। वह भी बहन के गुजरने पर काफी व्यथित था। नंदिता की तीनों बहन, मां, पिता और भाई सब बिलख रहे थे। बेटी की मायके के मुहल्ले वाले भी अंतिम संस्कार में आए थे। वह लोग भी नंदिता के स्वभाव की सराहना कर रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद नंदिता के शव को घर ले जाने के समय आलोक पत्नी की मौत पर विलाप करते-करते कई बार बेसुध हो गए।
आलोक ने बताया कि उसका दो दिन पहले जन्मा बेटा अस्पताल में वेंटीलेटर पर है। आलोक रेलवे के मैकेनिकल अनुभाग में चतुर्थ श्रेणी पद का कर्मचारी भी है। मिलन विहार में आकांक्षा इंटर कॉलेज गली नंबर चार के रहने आलोक ने बताया कि उन्होंने वरदान अस्पताल के विरुद्ध अभी थाने में तहरीर नहीं दी है। लेकिन, अब पत्नी के शव का अंतिम संस्कार हो गया है। बड़े भाई की सलाह लेकर वह वरदान अस्पताल के विरुद्ध निश्चित ही केस दर्ज कराएंगे।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि मेडिकल मामले में तुरंत किसी चिकित्सक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज न हो। प्रसूता नंदिता की मौत का कारण यदि अधिक रक्तस्राव है तो इस मामले में डॉक्टरों की टीम पूरे मामले की जांच करेगी और यदि वह एफआईआर के लिए संस्तुति करती है तो संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध केस दर्ज करने का नियम है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सीएमओ को जाएगी, यदि सीएमओ टीम बनाकर जांच कराएंगे तो फिर अग्रिम कार्रवाई होगी। - गणेश कुमार गुप्ता, सीओ कटघर
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