Kanpur जिलाधिकारी ने जाजमऊ एसटीपी का किया औचक निरीक्षण: बोले- सीवेज के पानी को शोधन के बाद ही गंगा में छोड़ा जाये
36 एमएलडी एसटीपी के पम्प हाउस में मिला विद्युत फाल्ट
कानपुर, अमृत विचार। महाकुंभ 2025 को देखते हुये शहर में सीवेज शोधन को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई है। शनिवार को जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने यूपीपीसीबी के अधिकारियों के साथ जाजमऊ स्थित 20 एमएलडी सीईटीपी, 130, 43 एमएलडी एसटीपी और 36 एमएलडी पुराने एसटीपी का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने इरीगेशन चैनल, एयरफोर्स ड्रेन एवं किशनपुर ड्रेन को भी देखा।
इस दौरान 20 एमएलडी सीईटीपी के इनलेट में 14 एमएलडी अशोधित टैनरी उत्प्रवाह पाया गया। सीईटीपी के आउटलेट एवं एसटीपी से शोधित उत्प्रवाह के मिक्सिंग टैंक में मिश्रित पानी भी पाया गया। जिलाधिकारी ने शेखपुर, किशनपुर गांव के आस-पास का भी निरीक्षण किया। यहां इरीगेशन चैनल से निकल रहे पानी का उपयोग सिचांई के लिये होता मिला। जिलाधिकारी ने टैनरी के पानी को पूरी तरह से शोधित कर गंगा में छोड़ने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी किशनपुर व मदारपुर मार्ग पर वार्ड नं. 12 के समीप पहुंचे यहां उन्होंने टूटी हुई पुलिया की मरम्मत का कार्य शीध्र पूरा करने के निर्देश आरईएस के अधिशाषी अभियन्ता को दिये। संयुक्त सीवेज पम्पिंग स्टेशन (सीएसपीएस) में स्थापित 36 एमएलडी एसटीपी के पम्प हाउस में विद्युत फाल्ट पाया गया, जिसपर जिलाधिकारी ने कार्यदायी विभाग जल निगम नगरीय के अधिशाशी अभियन्ता को निर्देशित किया कि फॉल्ट को ठीक कराया जाये। जिलाधिकारी ने 130, 43 एमएलडी एसटीपी में हाउस कीपिंग व्यवस्था एंव यहां आंतरिक सड़कों के सुधार के लिये कार्यदायी संस्था केआरएमपीएल को दिये।
सीएसपीएस के सम्बन्धित बाईपास लाइन एवं एयरफोर्स नाला के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि संयुक्त सीवेज पम्पिंग स्टेशन से किसी भी दशा में ओवरफ्लो उत्प्रवाह एयरफोर्स नाले व गंगा नदी में न छोड़ा जाये। जिलाधिकारी ने सीएसपीएस के कॉमन हेडर लाइन में भी फाल्ट पाया, हालांकि यहां अधिकारियों ने बताया कि अनुपचारित सीवेज को अस्थाई व्यवस्था के तहत सीएसपीएस के सम्प में कनेक्ट किया गया है। निरीक्षण के दौरान उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा, सचिव जटेटा रिजवान नादरी आदि रहे।
एचबीटीयू के विशेषज्ञों ने नालों का किया निरीक्षण
शहर में गंगा नदी में सीधे गिर रहे नालों को देखने शनिवार को नगर निगम के पर्यावरण अभियंता और एचबीटीयू के विशेषज्ञ पहुंचे। इस दौरान घाटों के पास चल रहे बायोरेमिडिएशन के कार्य की स्थिति को देखा और अपने सुझाव दिये। टीम के सदस्य रानीघाट, गोलाघाट, सत्तीचौरा-मैस्कर घाट पहुंचे और स्थल पर बायोरेमिडिएशन का कार्य मानक के अनुरुप करते हुये पाया गया। इसके साथ ही सम्बन्धित फर्म को यह ओदशित किया कि शासन की ओर से दिये गये समस्त मानकों के अनुसार बायोरेमिडिएशन कार्य सुचारु रुप से किया जाये।