लखनऊ : पसंद के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश न लेने पर जब्त होगी धरोहर राशि
अमृत विचार, लखनऊ । एमबीबीएस व बीडीएस की काउंसिलिंग के दौरान अभ्यर्थी को च्वाईस के अनुसार पाठ्यक्रम और कॉलेज आवंटित होने की दशा में अभ्यर्थी को प्रवेश लेना अनिवार्य होगा, अन्यथा धरोहर राशि जब्त होगी। साथ ही दूसरी काउंसिलिंग में हिस्सा लेने के लिए पुन: धरोहर राशि जमा करन होगी। इसके अलावा पंजीकरण के दौरान प्रपत्रों के सत्यापन में आ रही दिक्कतों का दूर करने के लिए विकल्प उपलब्ध करा दिया गया है। उक्त दिशा- निर्देश संबन्धी चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उप्र के महानिदेशक द्वारा जारी किए गए हैं।
मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए शुरु हो चुकी यूजी नीट 2023 की प्रथम चरण काउंसिलिंग की तकनीकि दिक्कत के मद्देनजर महानिदेशक द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बुधवार को जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि काउंसिलिंग को लेकर प्रदेश में केवल 16 नोडल सेंटर बनाए गए हैं, काउंसिलिंग में शुल्क जमा करने के लिए सभी प्रकार के नेट बैंकिग व बैंक कार्ड मान्य हैं।
पंजीकरण शुल्क की वापसी नहीं है, मगर सरकारी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों के लिए 30 हजार, प्राइवेट के लिए दो लाख और सरकारी व प्राइवेट, दोनो प्रकार के कॉलेजों में प्रतिभाग के लिए दो लाख रुपए बतौर धरोहर राशि जमा करनी होगी। इसके अलावा प्राइवेट डेंटल कॉलेज के लिए एक लाख जमा करने होंगे। धरोहर राशि, शिक्षण शुल्क में समायोजित नहीं किया जाएगा। धरोहर राशि, प्रवेश लेने के बाद आवंटित कॉलेज के माध्यम से उसी बैंक खाते में वापस होगी जिससे जमा की गई होगी।
इसके अलावा अभ्यर्थियों को अपना मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी सही भरी होनी चाहिए, बिना च्वाईस भरे, काउंसिलिंग प्रक्रिया प्रभावी नही होगी, अभ्यर्थी स्वत: बाहर हो जाएगा। इसके अलावा काउंसिलिंग में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को अपने पिछड़ा वर्ग व ईडब्लूएस प्रमाण पत्र एक अप्रैल के बाद में बने ही मान्य होंगे।
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