अयोध्या : जनरल सेक्रेटरी की इजाजत के बिना अब कोई फैसला नहीं
अमृत विचार, अयोध्या । शहर की सबसे अहम मरकजी अंजुमन तबलीग अहलेसुन्नत कमेटी ने इस बार कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। यहां जामा मस्जिद टाटशाह में हुई बैठक में अंजुमन ने जनरल सेक्रेटरी की इजाजत के बिना किसी तरह के फैसले और शासन-प्रशासन के साथ किसी तरह के पत्राचार पर रोक लगा दी है। बैठक की अध्यक्षता मुफ्ती शमशुल कमर कादरी अलीमी ने की। सचिव हाजी गुलाम सिद्दीकी ने बैठक की कार्रवाई मुकम्मल कराई।
ईद मिलादुन्नबी के दो दिवसीय मरकजी जलसा और जुलूस को लेकर तैयारियों पर गुफ्तुगू हुई। बैठक में पिछले साल के सालाना जलसा जुलूस में हुई आमद व खर्च का ब्यौरा नायब सेक्रेटरी मौलाना फैसल हाशमी ने रखा। सितम्बर में होने वाले दो दिवसीय जलसा व जुलूस को बेहतर अंदाज में मनाने के लिए चर्चा हुई। जिसमें जनरल सेक्रेटरी हाजी गुलाम ने कहा कि इस बार अंजुमन के प्रत्येक सदस्य को जिम्मेदारी दी जाएगी।
शासन-प्रशासन में पत्राचार करने या मरकजी अंजुमन में किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए अंजुमन के जरनल सेक्रेटरी की इजाजत लेनी होगी। जरनल सेक्रेटरी की इजाजत के बगैर न तो कोई मीटिंग होगी और न ही कोई मीटिंग कैंसिल की जा सकती है। इसके अलावा दो दिवसीय जलसा में आने वाले बैरूनी उलेमा और शोरआ को बुलवाने के लिए अंजुमन के प्रत्येक सदस्य को यह इजाज़त है कि वह आगामी मीटिंग से पहले कि उलेमा का नाम व मोबाइल नंबर दे। चुनाव भी चार सदस्यों द्वारा ही किया जायेगा। बताया गया कि ईद-उल-मिलादुन्नबी को लेकर अभी से तैयारियां शुरू करने की बात कही गई।
बैठक में नायब सदर मौलाना नूरुल हुदा, हाजी दबीर खान, ज्वाइंट सेक्रेटरी सिराजुल हक, हाजी खुर्शीद, मुहम्मद अहमद बरकाती, मोहम्मद शमीम कुरैशी, मोहम्मद फरीद कुरैशी, अलीमुद्दीन समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
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