प्रयागराज: संभल हिंसा की जांच के लिए सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT का गठन करने की मांग
प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के माध्यम से गत दिनों संभल में हुई हिंसा की जांच के लिए सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच दल से जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से हिंसा के कारणों से लेकर पूरी घटना में संबंधित अधिकारियों की संलिप्तता की विस्तृत जांच करने का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा याचिका में किसी धार्मिक स्थल के सर्वेक्षण के दौरान जिला प्राधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देने की मांग भी की गई है।
वाराणसी के समाजसेवी डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी की ओर से अधिवक्ता इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चंदौसी क्षेत्र में जामा मस्जिद के पास 24 नवंबर की घटना में आयुक्त, मुरादाबाद मंडल, जिला मजिस्ट्रेट संभल, पुलिस अधीक्षक संभल, एसडीएम चंदौसी, क्षेत्राधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच करने के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन करने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि स्थानीय अदालत के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम द्वारा मुगलकालीन जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के बाद संभल जिले में हिंसा भड़क उठी।
यह आदेश सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह ने महंत ऋषिराज गिरी सहित आठ वादियों द्वारा दाखिल मुकदमे पर पारित किया था। वादियों का दावा था कि विवादित मस्जिद 1526 में वहां मौजूद मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई थी। अधिवक्ता रमेश चंद्र राघव को अधिवक्ता आयोग के रूप में कार्य करने का निर्देश दिया गया। जामा मस्जिद के सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को आग लगा दिया और पुलिस पर पथराव किया। इस कारण सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठियां चलाईं।
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