विश्वविद्यालय में गर्भ संस्कार का पाठ्यक्रम करें शामिल- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
सशक्त महिला देश व समाज को करती है मजबूत: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
बरेली, अमृत विचार। सोमवार को एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में महिला उद्यमी सम्मेलन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय में गर्भ संस्कार पाठ्यक्रम शुरू किया जाए। इसके लिए अंक भी निर्धारित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए 24 घंटे लैब और पुस्तकालय खुलें। उन्होंने उद्यमियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने रुहेलखंड इंक्यूबेशन फाउंडेशन समेत कई अन्य उद्घाटन डिजिटल माध्यम से लिए। इस दौरान महिला उद्यमी और अन्य मौजूद रहे।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय महिला उद्यमी सम्मेलन को संबोधित करने एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय पहुचीं। जहां राज्यपाल का कुलपति समेत सभी ने स्वागत किया।
इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है। आज के इस दौर में लगातार महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जिस देश की महिला सशक्त होगी वह देश सशक्त देश माना जाता है। लगातार महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी देश के विकास को बढ़ा रही है। महिलाओं को स्वयं का विकास परिवार का विकास करना देश का विकास करने का दायित्व उठाना है। समय बदल गया है।
वहीं उन्होंने बच्चों की शिक्षा को लेकर बताया कि जब बच्चा 3 साल का होता है तो वह आंगनवाड़ी या शिशु मंदिर में शिक्षा ग्रहण करता है। 5 साल का होने के बाद दूसरी जगह शिक्षा ग्रहण करता है। अब पढ़ाई का स्तर बदल चुका है। नेशनल पॉलिसी में काफी बदलाव आया है। शिक्षा में योग-योगा, एक्सरसाइज आदि को शामिल किया जा रहा है। बच्चे को प्रथम शिक्षा मातृभाषा में दी जाए, जिससे उसे ज्ञात रहे और उसे वह समझ सके।
उन्माहोंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा मिलने से बच्चे को संस्कार मिलेंगे। माता-पिता, दादा-दादी व समाज और देश क्या है इसकी सही जानकारी मिलेगी। वहीं हम लोग बच्चों को खेलने नहीं देते जो गलत है बच्चे को खेलकूद की एक्टिविटी कराना चाहिए। इसके साथ ही खाने-पीने का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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