Ayodhya: बाहर जाने की जरूरत नहीं, अब यहीं मनाएं गर्मी की छुट्टियां, अयोध्या के इन महत्वपूर्ण स्थलों पर मिलेगा सुकून
सूर्यकुंड, गुप्तारघाट का बढ़ा आकर्षण, पैराग्लाइडिंग का भी उठाएं लुत्फ
अयोध्या/अमृत विचार। अगर आप भी इस बार गर्मी की छुट्टियों में फैमिली के साथ बाहर जाने का मूड बना रहे हैं तो पहले इस खबर को ध्यान से पढ़ लें। हो सकता है कि इसके बाद आप अपने कदम रोक लें। या फिर आपका कोई जानकार हो तो उसे अयोध्या बुला लें। पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या सज संवर रही है। दर्शन नगर स्थित सूर्यकुंड और कैंट स्थित गुप्तारघाट का नजारा किसी फॉरेन ट्रिप से कम नहीं लगता।
विदेशी पक्षियों की चहचहाहट सुननी है तो समदा झील चले जाइये। शौकीनों के लिए पैराग्लाइडिंग भी शुरू की जा रही है। जून में ही स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो जाएंगी। ऐसे में कई परिवार के लोग बाहर जाना पसंद करते हैं। कुछ तो तीर्थस्थलों का रुख करते हैं तो कुछ एडवेंचर वाले स्थानों पर जाना पसंद करते हैं।
अयोध्या आने वाले लोगों को राम मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन में दर्शन करने के बाद घूमने और समय बिताने के लिए भी कई स्थलों को पर्यटकों की दृष्टि से तैयार किया गया है। पैराग्लाइडिंग, वाटर बोट, पैराशूट बैलून और टेंट सिटी के साथ होम स्टे जैसी सुविधाएं भी शुरू होने जा रही हैं।
यह हैं कुछ महत्वपूर्ण स्थल, जहां सुकून भी मिलेगा
सूर्यकुंड: म्यूजिक सिस्टम और आकर्षक झूलों से लैस
दर्शननगर स्थित सूर्यकुंड एक धार्मिक स्थल है। जहां पर भगवान सूर्य देव का मंदिर है। यहां एक बड़ा कुंड भी है। अब इस कुंड का करोड़ों की लागत से जीर्णोद्धार हो चुका है। जहां पर आने वाले श्रद्धालु स्थल का पूरा आनंद लेते हैं। प्रदेश सरकार ने यहां अब यात्रियों के बैठने, घूमने, म्यूजिक सिस्टम, लेजर शो और झूला भी लगवाया है।
राम की पैड़ी: गर्मी में ठंडे पानी में स्नान का अलग ही मजा
अयोध्या की राम की पैड़ी इस समय युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। शाम के समय यहां का आकर्षक और भी लुभाने वाला होता है। पैड़ी में लोग स्नान करते हैं। हजारों की तादाद में लोग घूमते हैं। शाम ढलते ही प्राचीन मंदिरों पर जलने वाली फसाड लाइटें राम की पैड़ी को और आकर्षक बना देती हैं।
लता चौक : नया घाट आने वालों पर चढ़ता है सेल्फी फीवर
नया घाट पर ही लता मंगेशकर चौराहे को तैयार किया गया है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर की याद में बने इस चौराहे पर पहुंचने वाले लोगों को भगवान राम की धुन सुनाई देती है। इस चौराहे को डवलप करने के लिए 14 मीटर ऊंची वीणा लगाई गई है। अमूमन लोग इस स्थान पर पहुंच कर सेल्फी ले रहे हैं।
मणिपर्वत: यहां चढ़ने पर दिखती है अयोध्या की भव्यता
मणि पर्वत बहुत ही प्राचीन स्थल है। पुराणों में कहा गया है कि भगवान राम का विवाह संपन्न होने के बाद माता सीता से मिलने के लिए राजा जनक मणियों की सौगात लेकर पहुंचे थे। राम ने मणियों को लेने से इन्कार कर दिया तो जनक ने मणियों को अयोध्या के एक स्थान पर रख दिया, जिसे अब मणि पर्वत कहा जाता है। यहां ऊंचे शिखर पर चढ़ने के बाद अयोध्या की भव्यता दिखाई देती है।
समदा झील: विदेशी पक्षी देखने पहुंचिए
अयोध्या आने वाले लोगों के लिए राम मंदिर से महज 20 किलोमीटर दूर एक झील तैयार की गई है, जिसका नाम है समदा झील, जहां पर विदेशी पक्षी पहुंचते हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक भी इस स्थान पर पहुंच रहे हैं। इसे श्रीराम पश्चिम विहार का नाम दिया गया है।
गुप्तारघाट: यहां का पार्क दिन ढलने पर होता है गुलजार
छावनी क्षेत्र स्थित गुप्तार घाट पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। शास्त्रों में बताया गया कि यह वह स्थान है जहां भगवान राम ने सरयू में स्थान ले लिया था। आज लगभग 1 किलोमीटर से अधिक लंबे घाट को तैयार कर लिया गया है। घाट के बगल बना पार्क लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बड़ी संख्या में लोग दिन ढलते ही परिवार के साथ घूमने पहुंचते हैं।
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