बरेली: नगर निगम के बकायादार हैं उमेश गौतम, नहीं मिल सकती एनओसी

पूर्व मेयर डॉ. आईएस तोमर के करीबी रहे पूर्व पार्षद ने जमीन पर कब्जे का भी आरोप लगाया

बरेली: नगर निगम के बकायादार हैं उमेश गौतम, नहीं मिल सकती एनओसी

बरेली, अमृत विचार : सपा नेता व पूर्व मेयर डॉ. आईएस तोमर के करीबी रहे पूर्व पार्षद मुनीश शर्मा ने शुक्रवार को निवर्तमान मेयर उमेश गौतम पर कई आरोप लगाते हुए उन्हें चुनाव लड़ने के लिए एनओसी न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि नगर निगम अधिनियम के तहत जिस व्यक्ति पर सरकारी बकाया हो, वह चुनाव नहीं लड़ सकता।

मुनीष शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उमेश गौतम की इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी का निर्माण सरकारी जमीन पर हुआ है लेकिन नगर निगम ने अतिक्रमण को नहीं हटाया। जमीन पर कब्जा करने के संबंध में एसडीएम फरीदपुर की रिपोर्ट पर नगर निगम ने पांच साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए जमीन की खरीद में भी घपला होने के बावजूद नगर निगम के अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

उमेश गौतम पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उनका मेयर के कैंप कार्यालय पर पांच साल कब्जा रहा लेकिन उन्होंने उसका किराया जमा नहीं किया। उमेश गौतम मिशन अस्पताल की सोसाइटी के अध्यक्ष हैं, अस्पताल पर भी नगर निगम का बकाया है। है। सरकारी देयों का बकायादार होने के कारण उन्हें चुनाव लड़ने के लिए नगर निगम से एनओसी नहीं मिलनी चाहिए।

सभी आरोप बेबुनियाद, कुछ नया हो तो बताएं : उमेश गौतम: निवर्तमान मेयर उमेश गौतम ने कहा कि उन पर लगाए सभी आरोप बेबुनियाद है। पांच साल पहले भी चुनाव से पहले सपा के लोगों ने यही आरोप लगाए थे जो गलत निकले। उन्होंने बताया कि पूर्व मेयर पर घपले के कई आरोप हैं। उन पर पांच लाख का जुर्माना है जिस पर कोर्ट से स्टे लिया हुआ है। उन्हीं के करीबी पूर्व पार्षद उनके कार्यकाल में नगर निगम में सभी ठेके लेते रहे।

कंपनी के डायरेक्टर और सचिव होते हुए भी पार्षद बने रहे और नगर निगम के ठेके लेते रहे। कैंप कार्यालय पर कब्जे के आरोप पर कहा कि सपा ही कब्जे कराने का काम करती रही है। उन्होंने कोई कैंप कार्यालय नहीं लिया न वहां कभी गए। नगर निगम उनके नाम की पट्टिका लगा दे तो उसके जिम्मेदार वह नहीं हैं।

अस्पताल के बकाया से भी उनका कोई लेनादेना नहीं है। उमेश गौतम ने कहा कि जो लोग उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं, वे अपने भ्रष्टाचार पर चुप क्यों है। खुद सामने आए। अपने करीबी के जरिए गलत आरोप लगवा रहे हैं।

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