पंजाब की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे किसी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा: केजरीवाल

पंजाब की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे किसी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा: केजरीवाल

पटियाला। पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का संभवत: हवाला देते हुए बुधवार को राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान की कानून व्यवस्था संभालने को लेकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मान के कदम ने संदेश दिया कि शांति भंग करने वाले एक भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि रामनवमी पर देश के कुछ हिस्सों में हिंसा की घटनाएं हुईं जबकि पंजाब पूरी तरह से शांत रहा। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, गत एक महीने में आपने देखा है कि कैसे मान साहब से परिपक्वता का परिचय दिया और सख्त कदम उठाए हैं। 

उन्होंने संदेश दिया है कि अगर कोई पंजाब की शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, पिछले एक सप्ताह से आप देश के अलग-अलग हिस्सों में रामनवमी पर दंगों की खबरों को देख रहे हैं जबकि पंजाब में दंगे की एक भी घटना नहीं हुई। पंजाब में शांति है। गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के खिलाफ जालंधर में कार्रवाई करते हुए 18 मार्च को उसके कई समर्थकों और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने यह कार्रवाई अमृतपाल और उसके संगठन द्वारा राज्य की कानून व्यवस्था को भंग करने के आरोप में की थी लेकिन अमृतपाल पुलिस की घेराबंदी से बचकर निकलने में सफल रहा था और अब तक फरार है।

 केजरीवाल ने कहा, किसी को भी पंजाब की शांति भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, भले ही गुनाहगार कितना भी ताकतवार क्यों न हो। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने पूर्ववर्ती सरकारों को मादक पदार्थ पर एसआईटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर कथित तौर पर कार्रवाई नहीं करने पर आड़े हाथ लिया और आरोप लगाया कि उन्होंने कई साल तक उच्च न्यायालय में झूठ बोला। उन्होंने दावा किया आप सरकार ने अदालत से इन रिपोर्ट पर संज्ञान लेने को कहा। केजरीवाल ने यहां पंजाब सरकार के ‘सीएम दी योगशाला’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया जिसे पटियाला, अमृतसर, लुधियाना और फगवाड़ा में शुरू किया जा रहा है। 

यहां जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पिछले एक साल में पंजाब की आम सरकार ने बहुत काम किया है, लेकिन पंजाब की कानून व्यवस्था को लेकर किया गया काम काफी प्रशंसनीय है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में पंजाब की कानून व्यवस्था बहुत खराब थी और जब ‘आप’ सत्ता में आई तो पाया कि गिरोहों और अपराधियों को राजनीतिक शरण मिली हुई थी। उन्होंने कहा कि जब उनकी पार्टी ने पंजाब की सत्ता संभाली तो कई समस्याएं थीं,  मैं नहीं कहता कि सभी समस्याओं का समाधान हो गया है। बहुत कुछ किया जाना बाकी है। बहुत कुछ प्रत्येक क्षेत्र में किया गया है। हम सही दिशा में जा रहे हैं क्योंकि हम पंजाब की ईमानदार सरकार हैं। 

वर्ष 2015 में बेअदबी और उसके बाद पुलिस गोलीबारी की घटनाओं का संदर्भ देते हुए केजरीवाल ने कहा कि इन मामलों में बहुत लंबे समय से न्याय लंबित है जिसके बारे में पार्टी हमेशा सुनती आई थी। उन्होंने कहा कि मान सरकार के आने के बाद पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम को मामले की जांच के लिए पूरी आजादी दी गई। ‘आप’ प्रमुख ने कहा, मुझे खुशी है कि मामले में जो भी बड़े नाम थे, उन्हें आरोपपत्र में नामजद किया गया और उसे अदालत में दाखिल किया गया है। गौरतलब है कि कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी की जांच कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने शिरोमणि अकाली दल के नेता व तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे व तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सैनी और अन्य को फरीदकोट की अदालत में दाखिल करीब सात हजार पन्नों के आरोपपत्र में बतौर आरोपी नामजद किया है। 

ये भी पढे़ं- आतंक को वित्तपोषण: जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख और हिज्बुल मुजाहिदीन के एक सदस्य सहित चार आरोपित