रामपुर में पूर्व राजनयिकों ने देखा दुनिया का सबसे बड़ा चाकू, इमामबाड़ा और कोठी खासबाग पैलेस का भी दौरा किया
गांधी समाधि पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की
रामपुर, अमृत विचार। पूर्व राजनयिकों ने दूसरे दिन रामपुर में स्थापित दुनिया के सबसे बड़े चाकू को देखा। गांधी समाधि पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा खासबाग पैलेस और इमामबाड़ा भी देखा।
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के आमंत्रण पर विदेश मंत्रालय में सचिव व कई देशों में भारत की राजदूत रहीं मोनिका कपिल मोहता, पूर्व आईएफएस अधिकारी डा. मधुप मोहता और सिद्धांत मोहता रामपुर आए थे। रविवार को पूर्व राजनयिकों ने रामपुर के ऐतिहासिक स्थल देखे। पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि पूर्व राजनयिकों ने चाकू चौक पहुंचकर 20 फीट लंबे दुनिया के सबसे बड़े चाकू को देखकर हैरत जताई।
विदेश मंत्रालय की पूर्व सचिव ने इस कार्य के लिए रामपुर विकास प्राधिकरण, जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ और मंडलायुक्त आंजनेय कुमार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकार, यहां के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य करना अच्छी बात है। इसके बाद पूर्व राजनयिकों ने गांधी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने मौन धारण कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्हें बताया गया कि 11 फरवरी 1948 को रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां द्वारा बापू की अस्थियां रामपुर लाई गई थीं। बापू की अस्थियों का कुछ हिस्सा कोसी नदी में विसर्जित कर दिया गया। शेष अस्थियों को चांदी के कलश में रखकर दफन कर दिया गया था। पूर्व राजनयिकों ने गांधी समाधि की सुंदरता और अच्छे रखरखाव की भी सराहना की। पूर्व राजनयिकों ने इमामबाड़ा खासबाग में शमा रौशन की और उन्होंने खासबाग पैलेस भी देखा।
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