राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर भड़के अखिलेश यादव कहा- राहुल को अयोग्य ठहराना, भाजपा का महंगाई व उद्योगपति मित्रों से ध्यान बंटाने का ‘हथकंडा’

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराना सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का महंगाई, बेरोजगारी, ‘उद्योपति मित्रों’ द्वारा भारत के पैसों को डुबाने जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का हथकंडा है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने वर्ष 2017 में प्रदेश की सत्ता में आने के बाद सपा विधायक आजम खान जैसे नेताओं के खिलाफ दर्ज फर्जी मामलों में अपनी सरकार और प्रशासन की मदद ली और उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिलवाया। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के एक दिवसीय दौरे पर आए अखिलेश यादव ने कहा कि अगर ईमानदारी से जांच की जाए तो कई भाजपा नेताओं को भी उनकी टिप्पणियों के लिए अपनी-अपनी विधायकी छोड़नी पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि सूरत (गुजरात) की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल कारावास की सजा सुनाई। अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया।
अखिलेश यादव ने ग्रेटर नोएडा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश में भाजपा ने कई सपा नेताओं की सदस्यता छीन ली। आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता की सदस्यता ले ली गई। अगर हम चीजों को ऐसे ही देखें तो कई भाजपा सदस्य भी अयोग्य करार दिए जा सकते हैं। अगर ईमानदारी से जांच की जाए तो कई भाजपा नेता भी अपने भाषणों-टिप्पणियों के लिए आयोग करार दिए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह जानबूझकर किया गया है ताकि लोगों का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, उद्योगपति मित्रों द्वारा भारत के डुबोए गए पैसों से ध्यान भटकाया जा सके। वे इन मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सपा विधायकों को फर्जी मामलों में फंसाने के लिए प्रशासन की मदद ले रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब से भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई है, तब से उसने पहले फर्जी मामले दर्ज कराने में प्रशासन और अपनी सरकार की मदद ली और बाद में कई मौके पर सरकार और प्रशासन दोनों ने मिलकर कई सपा नेताओं की (विधानसभा) सदस्यता छीन ली। आजम खान साहब ने अपनी सदस्यता खो दी, इसी तरह का हाल उनके बेटे अब्दुल्ला का किया गया। कानपुर में इरफान सोलंकी जैसे विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। ऐसा करने के लिए उत्तर प्रदेश के बाहर से अधिकारी बुलाए गए।’’ अखिलेश यादव ने दावा किया, ‘‘दो दिन पहले विधायक इरफान सोलंकी ने कहा था कि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है क्योंकि वे (भाजपा) उन्हें विधानसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिलाना चाहते हैं।’’
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में घृणात्मक भाषण देने के मामले में अदालत द्वारा आजम खान को तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद अक्टूबर 2022 में विधानसभा सदस्यता से उन्हें अयोग्य करार दिया गया था। वह रामपुर सदर सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे थे। अब्दुल्ला आजम को 15 साल पुराने मामले में दो साल कैद की सजा दिए जाने के बाद फरवरी 2023 में विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया।
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