दिल्ली में प्रस्तावित कालीन मेले से उद्यमियों को बड़ी उम्मीद
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भदोही। दिल्ली में 15 मार्च से शुरू होने वाले कालीन मेले से भदोही के कालीन उद्याेग को काफी उम्मीदे हैं। उनका मानना है कि कोरोना त्रासदी के बाद कालीन कारोबार के थमे पहिए को गति देने में कालीन मेला काफी मददगार हो सकता है। नए आकर्षक कालीनों के सेंपल मेले में परोसने की तैयारी को निर्यातक लगभग अंतिम रूप दे चुके हैं।
मेला उद्योग की सेहत के लिए कितना मददगार हो सकता है यह तो भविष्य में गर्भ में है, मगर उद्योग के भविष्य की बेहतरी को लेकर अच्छे अनुमान लगाए जा रहे हैं। दिल्ली के ओखला स्थित राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम परिसर(एन एसआई सी) में आगामी 15 मार्च से आयोजित होने वाले 44वें इंडिया कारपेट एक्सपो 2023 के मद्देनजर निर्यातक अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे चुके हैं ।
विश्व बाजार की मांग को देखते हुए सस्ते कालीनों के सेंपल परोसने की पूरी तैयारी की गई है। भदोही के परंपरागत हैंड नाटेड कालीनों को आकर्षक रूपों में तैयार कर विदेशी मेहमानों को लुभाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। मेले की आयोजक संस्था कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल( सीईपीसी )ने कारपेट एक्सपो में छोटे व मझोले निर्यातकों को मौका देने के लिए मेला ग्राउंड का क्षेत्रफल बढ़ाकर स्टॉल की संख्या भी बढ़ाई है।
कोरोना त्रासदी के बाद उद्योग की सेहत काफी बिगड़ चुकी थी। कारोबार पूरी तरह पटरी से उतर चुका था। माना जा रहा है कि यह कालीन मेला उद्योग को पटरी पर लाने में काफी मददगार हो सकता है कालीन मेले को लेकर बढे उत्साह का आकलन इसी बात से किया जा सकता है कि मौके की तलाश में दर्जनों नए कालीन व्यवसाई पहली बार मेले में भाग्य आजमा रहे हैं।
सीईपीसी की प्रशासनिक समिति के सदस्य असलम महमूद की मानें तो यह मेला उद्योग के लिए नई दिशा तय करेगा। उन्होने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते विश्व बाजार में आई अस्थिरता के बावजूद कुछ नए देशों से आयातकों के आने की संस्तुति मिलना शुभ संकेत है।
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