Kanpur: IIT के स्टार्टअप महोत्सव में आई नामी कंपनियां, नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए हिंदुजा ग्रुप के साथ हुआ करार

कानपुर में आईआईटी के स्टार्टअप महोत्सव में नामी कंपनियां आई।

Kanpur: IIT के स्टार्टअप महोत्सव में आई नामी कंपनियां, नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए हिंदुजा ग्रुप के साथ हुआ करार

कानपुर में आईआईटी के स्टार्टअप महोत्सव में नामी कंपनियां आई। वहीं, नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए हिंदुजा ग्रुप के साथ करार हुआ। उद्यमिता विकास के लिए सिडबी सीड इक्विटी सपोर्ट स्कीम लांच।

कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर में स्टार्टअप महोत्सव 'अभिव्यक्ति' का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर की सरकारी व निजी संस्थानों के अधिकारी, कंपनियों के सीईओ और प्रतिनिधि शामिल हुए। युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए मंथन हुआ। कई स्टार्टअप के आर्थिक सहयोग के लिए करार किया गया। संस्थान के माध्यम से नवोन्मेशकों को आगे लाने के लिए हिंदुजा ग्रुप के साथ करार हुआ। 
 
निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने भारत में स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि आज उद्यमिता विकास के सहयोग से छात्र-छात्राएं न सिर्फ रोजगार के क्षेत्र में आगे आ रहे हैं, बल्कि अन्य को पैरों पर खड़ा करने में सहयोग कर रहे हैं। कृषि, स्वास्थ्य, तकनीक, रक्षा और सर्विलांस के क्षेत्र में स्टार्टअप कार्य कर रहे हैं।
 
स्टार्टअप इनोवेशन इंक्यूबेशन सेंटर के इंचार्ज प्रो. अंकुश शर्मा ने बताया कि नवाचार को बढ़ावा देने और विकास को गति प्रदान करने के लिए हिंदुजा समूह के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। उद्घाटन सत्र में सिडबी सीड इक्विटी सपोर्ट स्कीम का भी शुभारंभ हुआ। इस फंड के साथ सिडबी 50 करोड़ रुपये का पायलट फंड स्थापित कर रहा है, जिसका उपयोग हार्ड-टेक स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए किया जाएगा।  
 

यह स्टार्टअप हुए शामिल 

एग्रीटेक, क्लीनटेक, साइबर सिक्योरिटी, फिनटेक, हेल्थकेयर, इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस, सस्टेनेबिलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विभिन्न क्षेत्रों के 70 से अधिक स्टार्टअप्स ने भाग लिया। उन्होंने अपनी खूबियां और विशेषताएं लोगों को बताईं। संस्थान के पूर्व छात्र भी शामिल हुए। 
 

ड्रोन ने बिखेरी आभा

संस्थान में रात के समय कई तरह के ड्रोन ने हवा में उड़ते हुए अपनी आभा बिखेरी। उनमें रंग बिरंगी लाइटें लगी हुईं थी, यह विभिन्न तरह की आकृतियां बनाते हुए हवा से बातें कर रहें थे। कुछ तो बहुत ही छोटे आकार के थे, जबकि कुछ काफी भारी भरकम थे।