बदायूं: उपभोक्ता फोरम ने रद्द किए बिजली विभाग के बिल, नए सिरे से बनाने का आदेश

एक अप्रैल 2011 के बाद के नलकूप के बिली के सभी बिलों को किया गया निरस्त

बदायूं: उपभोक्ता फोरम ने रद्द किए बिजली विभाग के बिल, नए सिरे से बनाने का आदेश

बदायूं, अमृत विचार। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष संजीव यादव ने एक परिवाद स्वीकार करते हुए बिजली विभाग के द्वारा एक अप्रैल  2011 के बाद जारी किए गए सभी बिलों को निरस्त करने का आदेश पारित किया है। कहा कि नए तरीके से बिना अधिभार परिवादी को बिल भेजें। साथ ही पहले के जमा किए गए 9700 रुपये भी नए बिलों में समायोजित करने को कहा है। 

ककराला कस्बा के वार्ड 18 निवासी अख्तर अली ने 13 जून 2018 को उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया था। जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने सिंचाई करने के लिए बिजली विभाग से एक नलकूप कनेक्शन लिया था। नलकूप कनेक्शन में कैपिस्टर नहीं लगे होने के वजह से उसके बिल में 90 रुपए हर महीने अतिरिक्त लिए जाते थे। साल 2006 तक वह अतिरिक्त 90 रुपये जमा करते रहे। जिसके बाद उन्होंने कैपिस्टर लगवा लिया। जिसकी सूचना बिजली विभाग को दी लेकिन विभाग ने बिल में कैपिस्टर के रुपये लगाकर बिजली भेजना जारी रखा। जिस कारण जनवरी 2007 से  मार्च 2011 तक का बिल परिवादी पर बकाया रहा। तब अख्तर अली ने ओटीएस योजना के तहत बकाया बिल जमा करने का विचार किया। जिसमें उन्हें लगभग 45 हजार रुपये का बिल बनाकर दिया। अख्तर अली ने 44 हजार रुपये जमा भी कर दिए जबकि परिवादी से ओटीएस के रूप में जमा कराए गए रुपये और कैपिस्टर रहित अन्य अधिभार को घटाकर बिल 29600 रुपये जमा करने थे। साल 2012 में नलकूप कनेक्शन का ट्रांसफॉर्मर फुंक गया। जिसको सही कराने के लिए अख्तर अली ने 8700 रुपये जमा करके रसीद कटवा ली। और समायोजित योजना में जमा के लिए एक हजार रुपये सहित 24 हजार के करीब जमा किए रुपयों को समायोजित करने को कहा और बिल को संशोधित करने जारी करने को कहा लेकिन विभाग ने ऐसा नहीं किया। साल 2022 तक अख्तर अली पर कैपिस्टर चार्ज सहित कई अधिभार लगाकर विभाग ने 3.35 लाख रुपये बकाया दिखा दिया। तब अख्तर अली ने अधिवक्ता जियाउर रहमान समी के माध्यम से सेवा में कमी होने का परिवाद दायर किया। तब उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष संजीव यादव और सदस्य अनीता ने परिवादी और विपक्षी के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद यह आदेश दिया कि एक अप्रैल 2011 के बाद से जारी किए गए सभी बिलों को निरस्त किया जाता है। नए सिरे से बिल सभी अधिभार रहित और 90 रुपए कैपिस्टर चार्ज प्रतिमाह के घटाकर बिल जारी किया जाए। जमा किए गए 9700 रुपये भी बिलों में समायोजित किया जाए।

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