Kannauj: डीआईओएस पर डेढ़ लाख रुपये लेकर परीक्षा केंद्र बनाने का आरोप, VIDEO में देखें- बीएस इंटर कॉलेज की प्रबंधक ने क्या कहा...

200 गज में स्थित तीन माध्यमिक स्कूलों को कर दिया प्रस्तावित

Kannauj: डीआईओएस पर डेढ़ लाख रुपये लेकर परीक्षा केंद्र बनाने का आरोप, VIDEO में देखें- बीएस इंटर कॉलेज की प्रबंधक ने क्या कहा...

कन्नौज, अमृत विचार। माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज बोर्ड से परीक्षा केंद्रों की सूची फाइनल होने से पहले ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। डीआईओएस को रुपये न देने पर सूची से एक विद्यालय को हटा दिया गया है। डेढ़ लाख रुपये मिलने के बाद पतली गली में स्थित स्कूल को प्रस्तावित करने का भी आरोप लगा है। सदर तहसील क्षेत्र के गांव हैवतपुर कटरा निकट स्थित बीएस इंटर कॉलेज की प्रबंधक सरिता अग्निहोत्री गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचीं। 

डीएम शुभ्रान्त शुक्ल से मुलाकात न हो पाने से उन्होंने एडीएम आशीष सिंह को शिकायती पत्र सौंपा। प्रबंधक ने ऑनकैमरा दिए बयान में आरोप लगाया है कि बीते सालों में उनका विद्यालय यूपी बोर्ड परीक्षा का केंद्र बनता रहा है। इस बार सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि शिवाजीनगर स्थित गली में ऐसे विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाया गया है जहां से अधिकारियों के वाहन निकलना मुश्किल है। सरिता अग्निहोत्री का आरोप है कि पतली गली वाले इस कॉलेज के संचालक से रुपये लेकर ही केंद्र बनाया गया है। 

उन्होंने बताया कि इस बात की पुष्टि डीआईओएस कार्यालय के बाबू कर रहे हैं। प्रबंधक का कहना है कि उनके कॉलेज की गलत रिपोर्ट लगाकर परीक्षा केंद्र की सूची में शामिल नहीं किया गया है। इतना ही नहीं जिस शिवाजीनगर स्थित विद्यालय को केंद्रों की सूची में शामिल किया गया है उसके आसपास स्थित अन्य स्कूलों को भी सेंटर बना दिया गया है इन विद्यालयों के बीच की दूरी करीब 200 गज भी नहीं होगी। प्रबंधक ने कहा है कि डीआईओएस को रुपये नहीं दिए इसलिए उनका विद्यालय परीक्षा केंद्रों की सूची में नहीं आया है।  

यह भी लगे आरोप

प्रबंधक ने बताया कि पहली जांच रिपोर्ट में मानक पूरे बताए गए और दूसरी रिपोर्ट में विद्यालय में स्थित 25 कमरों की बजाय 13 ही कमरे दिखा दिए। जानबूझकर उनके विद्यालय का केंद्र काटा गया है। जब उन्होंने डीआईओएस से बात की तो टालमटोल कर दिया।  

प्रधानाचार्य बोले, शिक्षा को बेच डाला

प्रधानाचार्य शुभम का कहना है कि बीते तीन-चार सालों से उनका विद्यालय हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परीक्षा केंद्र बनता रहा है। स्कूल में राउटर, जनरेटर, इंवर्टर, सीसीटीवी कैमरे सब लगे हैं। दूसरी जांच के दौरान एक अधिकारी आए तो बिजली का काम चल रहा था जिस वजह से अंधेरा था। 

उन अधिकारी ने सुविधाएं न होने की बात कही थी। प्रति सेंटर एक से डेढ़ लाख रुपये की मांग हो रही है। डीएम का आदेश है कि नवीन सेंटर नहीं बनेगा उसके बाद भी ऐसा हो रहा है। प्रधानाचार्य ने दावा किया है कि उनके पास रिकार्डिंग है जिसमें रुपये लेनदेन का मामला है। डीआईओएस ने शिक्षा को बेच दिया है। बिना मान्यता के स्कूल भी चलवा रहे हैं। 

तहसील स्तर के अधिकारियों ने विद्यालयों का सत्यापन किया था। सत्यापन रिपोर्ट जिला स्तरीय कमेटी के समक्ष रखी गई। बोर्ड से परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं। जो भी उन पर आरोप लगाए गए हैं वह गलत हैं। -डॉ. पूरन सिंह, डीआईओएस

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