बरेली: बंद थर्मल स्कैनर से कर डाली हजारों अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग

बरेली: बंद थर्मल स्कैनर से कर डाली हजारों अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग

बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण के बीच बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा रविवार को हुई। परीक्षा में बरेली कॉलेज प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई। शासन के सख्त निर्देशों के बाद भी परीक्षा देने आए अभ्यार्थियों की कॉलेज प्रशासन ने बंद मशीन से ही थर्मल स्क्रीनिंग कर डाली। इसकी वजह से हजारों अभ्यार्थी ऐसे रह …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना संक्रमण के बीच बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा रविवार को हुई। परीक्षा में बरेली कॉलेज प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आई। शासन के सख्त निर्देशों के बाद भी परीक्षा देने आए अभ्यार्थियों की कॉलेज प्रशासन ने बंद मशीन से ही थर्मल स्क्रीनिंग कर डाली। इसकी वजह से हजारों अभ्यार्थी ऐसे रह गए जो बिना तापमान चेक कराए ही परीक्षा कक्ष में चले गए। वहीं, बरेली इंटर कॉलेज में थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान दर्जन भर से अधिक अभ्यार्थियों का तापमान 99 फॉरेन्हाइट से अधिक पाया गया गया।

रविवार को बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा हुई। बरेली कॉलेज में पांच केंद्र थे। इसमें करीब ढाई हजार अभ्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पहले ही अभ्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग करना जरूरी था। मगर कॉलेज प्रशासन की लापरवाही इतनी कि, लाइन में लगे हजारों अभ्यार्थियों की बंद थर्मल स्केनर मशीन से ही स्क्रीनिंग कर डाली। कोई अभ्यर्थी शिकायत न कर दे, इसके लिए उन्हें बिना बताए ही बंद मशीन से थर्मल स्क्रीनिंग का खेल चल रहा था। मगर अभ्यर्थी लगातार इससे अंजान रहे।

मशीन नहीं होने पर केवल सैनेटाइजेशन
कॉलेज के अंदर लापरवाही का आलम यह था कि लाइब्रेरी गेट पर स्क्रीनिंग के दौरान कॉलेज के कई स्क्रीनिंग कर रही टीम के पास थर्मल स्केनर भी उपलब्ध नहीं था। वहां केवल अभ्यार्थियों को सैनेटाइज करके भी अंदर भेजा जा रहा था। ऐसे में सेकड़ो की संख्या में अभ्यार्थी वहां भी बिना थर्मल स्क्रीनिंग अंदर चले गए।

बरेली इंटर कॉलेज में हुई स्क्रीनिंग तो पकड़ में आए संदिग्ध
बरेली इंटर कॉलेज को भी बीएड प्रवेश परीक्षा का केंद्र बना था। वहां पर लगातार स्क्रीनिंग कराई जा रही थी। इसका फायदा यह हुआ कि वहां पर करीब एक दर्जन अभ्यर्थी ऐसे मिले, जिनका तापमान 99 से लेकर 100 फॉरेन्हाइट तक पाया गया। ऐसे सभी अभ्यर्थियों को गेट पर ही रोक लिया गया। जब तक उनके शरीर का तापमान कम नहीं हुआ तब उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। स्कूल प्रशासन का कहना था कि यदि इन अभ्यर्थियों के शरीर का तापमान कम नहीं हुआ तो इन्हें बाहर ही बैठाकर परीक्षा दिलाई जाएगी।