टला हादसा: NTPC की दो नंबर यूनिट के हापर में फंसा क्लिंकर, यूनिट ठप
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ऊंचाहार/रायबरेली, अमृत विचार। एनटीपीसी के ऊंचाहार परियोजना में नवंबर 2017 में हुए हादसे जैसी स्थिति शनिवार की प्रातः परियोजना के यूनिट नंबर दो में बन गई थी। समय रहते अधिकारियों ने यूनिट को बंद करा दिया और उसकी मरम्मत की जा रही है।
बताते चलें कि 1 नवंबर 2017 को एनटीपीसी ऊंचाहार परियोजना में 500 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट नंबर 6 के बॉयलर ऐश हापर में क्लिंकर फंस जाने के कारण विस्फोट हो गया था। जिसमें कुल 45 लोगों की मौतें हुई थी। ठीक वैसे ही स्थिति शनिवार को परियोजना के यूनिट नंबर दो में बन गई ।इस यूनिट के बॉयलर ऐश हापर से निकलने वाली राख में पानी की नमी और अधिक ताप के कारण क्लिंकर बन गया । हापर में क्लिंकर बन जाने के कारण राख का प्रवाह अवरुद्ध हो गया। जिसके कारण बड़े हादसे की संभावना फिर बन गई।
इस तकनीकी खराबी की जानकारी समय रहते अधिकारियों को हो गई। उसके बाद आनन-फानन में शनिवार की प्रातः तीन बजे 210 मेगावाट की क्षमता वाली यूनिट नंबर दो को बंद कर दिया गया है। यूनिट बंद किए जाने के बाद बॉयलर का तापमान घटाया जा रहा है । तापमान सामान्य होने के बाद इसमें मरम्मत का कार्य शुरू होगा। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि करीब 48 घंटे बाद यूनिट को पुनः चलाया जाएगा। एनटीपीसी की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि परियोजना की यूनिट नंबर दो में तकनीकी खराबी आई है। जिसके कारण यूनिट को बंद किया गया है ।मरम्मत करने के बाद शीघ्र ही इस यूनिट को चलाया जाएगा।
ऐसे बनता है क्लिंकर
ताप विद्युत परियोजना के बॉयलर के हापर से ब्वायलर की राख बाहर निकलती है। बॉयलर के नीचे राख गिरने के कारण उसे पानी की तेज धारा के साथ बाहर निकाला जाता है ।आमतौर पर ऐसा होता है कि ऊपर उच्च ताप की गर्म राख और नीचे पानी की नमी के कारण राख एक कड़े पत्थर जैसे रूप में परिवर्तित हो जाती है। जिसके ऊपर परत दर परत राख जमती जाती है और वह बड़े क्लिंकर के रूप में बन जाती है ।जिसके कारण हापर से राख का प्रवाह रुक जाता है ।ऐसी दशा में ब्वायलर में विस्फोट की संभावना बन जाती है ।नवंबर 2017 में हुए हादसे में परियोजना की यूनिट नंबर 6 में करीब 22 मीटर का बड़ा क्लिंकर बन गया था ।जिसके कारण हादसा हुआ था।
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