महीने में एक मेडिकल कॉलेज और हर दिन दो कॉलेजों की हो रही स्थापना : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

महीने में एक मेडिकल कॉलेज और हर दिन दो कॉलेजों की हो रही स्थापना : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

नई दिल्ली। देश में मेडिकल और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीते आठ-नौ वर्षों से लगभग हर महीने एक मेडिकल कॉलेज बना है और इस दौरान देश में हर दिन दो कॉलेजों और हर सप्ताह एक विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के शुभारंभ के मौके पर आज संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुये कहा कि सरकार देश के विकास के लिए जिस स्पीड और स्केल पर काम कर रही है, वह अभूतपूर्व है, अतुलनीय है। मोदी सरकार के आने के बाद गरीबों के लिए औसतन हर रोज आवास योजना के 11 हजार घर बने हैं।

इसी अवधि में हर रोज औसतन ढाई लाख लोग ब्रॉडबैंड कनेक्शन से जुड़े हैं और 55 हजार से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए गए हैं। मुद्रा योजना के तहत प्रतिदिन 700 करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन दिया गया है। उन्होंने सामाजिक बुनियादी सुविधाओं की चर्चा करते हुये कहा कि साल 2004 से 2014 के बीच देश में जहां 145 मेडिकल कॉलेज खुले थे, वहीं मोदी सरकार के कार्यकाल अब तक 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं।

मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सीटों की संख्या अब पहले के मुकाबले दोगुनी हो चुकी है। वर्ष 2014 से पहले जहां देश में कुल लगभग 725 विश्वविद्यालय थे, वहीं बीते केवल आठ वर्षों में 300 से अधिक नए विश्वविद्यालय बने हैं। इसी दौरान देश में पांच हजार से अधिक कॉलेज भी खोले गए हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 2013-14 तक देश में करीब तीन लाख 81 हजार किलोमीटर सड़कें बनीं थीं जबकि, वर्ष 2021-22 तक ग्रामीण सड़कों का ये नेटवर्क सात लाख किलोमीटर से भी ज्यादा हो गया है। अब तक देश की 99 प्रतिशत से अधिक बस्तियां सड़क मार्ग से जुड़ चुकी हैं।

विश्व बैंक सहित अनेक संस्थाओं के अध्ययन के अनुसार ग्रामीण सड़कों से गांवों में रोज़गार, खेती, शिक्षा और स्वास्थ्य पर बहुत सकारात्मक असर पड़ा है। नेशनल हाइवे नेटवर्क में पिछले आठ वर्षों के दौरान 55 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। जल्द ही भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत देश के 550 से ज्यादा जिले हाइवे से जुड़ जाएंगे। अर्थव्यवस्था को गति देने वाले कोरिडोरों की संख्या 6 से बढ़कर 50 होने वाली है।

उन्होंने कहा कि देश का विमानन क्षेत्र भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। साल 2014 तक जहां देश में हवाई अड्डों की संख्या 74 थी, वह अब बढ़कर 147 हो गई है। आज भारत दुनिया का तीसरा बड़ा विमानन बाजार बन चुका है। इसमें उड़ान योजना की भी बहुत बड़ी भूमिका है। भारतीय रेलवे अपने आधुनिक अवतार में सामने आ रही है और देश के रेलवे मैप में अनेक दुर्गम क्षेत्र भी जुड़ रहे हैं।

वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में एक आधुनिक और सेमी हाईस्पीड ट्रेन भारतीय रेल का हिस्सा बन चुकी है। जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर के दुर्गम क्षेत्रों को भी रेलवे से जोड़ा जा रहा है। देश के बड़े रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाया जा रहा है। भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा बिजली से चलने वाला रेलवे नेटवर्क बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है। भारतीय रेल को सुरक्षित बनाने के लिए स्वदेशी तकनीक - कवच का भी तेज़ी से विस्तार किया जा रहा है।

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