'तमिल अल्पसंख्यकों के साथ मेल-मिलाप के लिए श्रीलंका में 13A को पूरी तरह लागू करना महत्वपूर्ण'
कोलंबो। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि श्रीलंका में तमिल अल्पसंख्यक समुदाय के साथ मेल-मिलाप के लिये भारत पड़ोसी देश में 13वें संविधान संशोधन को पूरी तरह से लागू किये जाने को ‘महत्वपूर्ण’ मानता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने हमेशा श्रीलंका की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का समर्थन किया है।
Delighted to call on President Ranil Wickremesinghe today morning.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 20, 2023
Underlined that my presence in Sri Lanka is a statement of PM @narendramodi’s commitment to Neighbourhood First. @RW_UNP pic.twitter.com/h6CBIDLwYs
भारत हमेशा से श्रीलंका में 13वें संविधान संशोधन को लागू करने पर जोर देता रहा है जिसे 1987 के भारत श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था। 13ए में तमिल समुदाय के लिये सत्ता में हिस्सेदारी का प्रावधान किया गया है। दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को श्रीलंका पहुंचे जयशंकर ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष अली साबरी और राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘भारत ने हमेशा श्रीलंका की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का समर्थन किया है।’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमने उन्हें (विक्रमसिंघे को) अपने विचारों से अवगत कराया कि श्रीलंका में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता के लिए 13ए का पूर्ण क्रियान्वयन और शीघ्र प्रांतीय चुनाव कराना महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा कि मेल-मिलाप की दिशा में टिकाऊ प्रयास श्रीलंका के सभी वर्गों के हित में है।
जयशंकर ने बताया कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने उन्हें राजनीतिक स्थितियों के बारे में जानकारी दी। गौरतलब है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने गुरुवार को मेल-मिलाप एवं सहअस्तित्व का आह्वान करते हुए कहा था कि उनकी सरकार ने श्रीलंकाई तमिलों को साथ लेकर वार्ता प्रक्रिया शुरू की है और उनकी समस्याओं को समझती है।
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