बहराइच : चहलारीघाट से शुरू हुआ शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों का पद रज संग्रह अभियान

अमृत विचार, बहराइच। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान और उनके उत्तराधिकारियों के अस्तित्व संरक्षा के लिए संपूर्ण प्रदेश में शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवारों से पद रज एकत्रित करने का अभियान शुरू किया गया है। अभियान फरवरी माह के अंत तक चलेगा इसके बाद दिल्ली में आयोजित समारोह में केंद्र सरकार को शहीदों और सेनानियों का पद रज सौंपा जाएगा।
शहीदो और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पद रज एकत्रीकरण अभियान का शुभारंभ बुधवार को जिले के तहसील महसी के ग्राम मुरौव्वाडीह में जन्में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857-58 के अमर शहीद चहलारी नरेश महाराजा बलभद्र सिंह के जन्म भूमि, तथा बौण्डी राजा हरदत्त सिंह सवाईं के जन्म भूमि को नमन करते हुए किया गया। अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के कार्यवाहक प्रदेश महामंत्री रमेश कुमार मिश्र के नेतृत्व, संरक्षक अनिल कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता तथा राजू मिश्रा उर्फ मुन्ना भैया के संयोजकत्व में बौण्डी, मुरौव्वा, रमवापुर खुर्द के निवासी सेनानियों के उत्तराधिकारियों की उपस्थिति में गांव से स्मारकों का पावन रज लिया गया।
स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के लगभग 40 कार्यकर्ता पावन रज एकत्रित करने में जुटे हैं। इस अवसर पर चहलारी नरेश महाराजा बलभद्र सिंह के उत्तराधिकारी तथा संगठन के जिला महामंत्री व पर्यवेक्षक आदित्य भान सिंह, पं.रामशरन आदि मौजूद रहे। इस मौके पर इकाई के संरक्षक अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि प्रत्येक स्मारक एवं शहीद स्थलों से पावन रज तथा स्वतंत्रता सेनानियों के घरों से पद रज के साथ फोटो, परिचय तथा परिवार का विवरण भी संकलित करें।
प्रदेश महामंत्री रमेश कुमार मिश्र ने बताया कि पद रज संग्रह अभियान राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी के नेतृत्व में पूरे देश के विभिन्न भागों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, पंजाब, बंगाल, राजस्थान राज्यों में भी शुरू हुआ है, इसी प्रकार प्रदेश के सभी 18 मण्डल तथा 75 जिलों में पद रज एकत्रित करने का अभियान फरवरी के अंतिम सप्ताह तक पूर्ण होगा। उसके पश्चात राष्ट्रीय महासचिव की अगुवाई में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सरकार को इस पावन पद रज को समर्पित किया जायेगा। इस अवसर पर अंगनू प्रसाद, लवकुश, परशुराम, श्रीनारायण, उमाशंकर, आत्मा राम, सेवादासिन, गया प्रसाद, विष्णु प्रताप सिंह, अंग्रेज सिंह, रामकुमार वर्मा आदि मौजूद रहे।
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