नैनीतालः सरयू नदी में कचरा डालने से हाईकोर्ट सख्त, डीएम को प्राथमिकता से देखने के दिए निर्देश
नैनीताल, अमृत विचार। नैनीतील हाईकोर्ट ने उत्तरायणी मेले के दौरान बागेश्वर स्थित सरयू नदी में दुकानों का निष्प्रयोज्य सामान डाले जाने के मामले में डीएम बागेश्वर को इसे प्राथमिकता से देखने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार, जिला अधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
खाद्य पदार्थों के साथ ही मीट की दुकानें भी शामिल
सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। बागेश्वर निवासी पूरन सिंह रावत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका में कहा कि बागेश्वर स्थित सरयू नदी के तट पर हर साल जिला प्रशासन व नगर पालिका प्रशासन की ओर से उत्तरायणी मेले का आयोजन किया जाता है। नगर पालिका की ओर से सरयू नदी के तट पर सभी प्रकार की दुकानें आवंटित की जाती हैं जिसमें खाद्य पदार्थों के साथ ही और मीट की दुकानें भी शामिल हैं। याची का कहना है कि मीट की दुकानों का सारा वेस्ट सरयू नदी में डाला जा रहा है जिससे नदी प्रदूषित हो रही है।
याचिका में धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का उल्लेख
याचिका में यह भी कहा गया कि सरयू नदी के तट पर कई मंदिर भी हैं। इससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस भी पहुंचाई जा रही है। स्थानीय नागरिकों की ओर से इसकी रोकथाम के लिए कई बार जिला प्रशासन व की है।