लखनऊ : महंगाई से टूट रहा खिलाड़ी बनने का सपना
दूसरों के उपकरण मांग कर अभ्यास को मजबूर प्रशिक्षु

अमृत विचार, लखनऊ। खेलों के महंगे होते उपकरण खेल की दुनिया में पदार्पण करने वाले प्रशिक्षु खिलाड़ियों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं। इसके चलते ये खिलाड़ी पूर्व खिलाड़ियों के घिसे-पिटे खेल उपकरणों से अभ्यास करने को मजबूर हैं। खेल उपकरण का काम करने वालों के अनुसार, कोरोना काल के बाद लोगों में फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इसके चलते खेल उपकरणों की मांग लगातार बढ़ रही है और इनके दामों में भी तेजी से इजाफा हुआ है। ऐसे में फुटबॉल, वॉलीबाॅल, क्रिकेट, बैडमिंटन के साथ ही अन्य खेल उपकरण महंगे हो गए हैं।
खेल उपकरणों की आपूर्ति करने वाले दुकानदारों ने बताया कि पिछले एक साल में 20 से 25 प्रतिशत तक दाम बढ़ गए हैं। ऐसे में स्टेडियम में प्रशिक्षण लेने के लिए आने वाले खिलाड़ी महंगे उपकरणों वाले खेलों से किनारा कर लेते हैं या फिर खेल की दुनिया को ही अलविदा कह देते हैं। स्टेडियम पर बैडमिंटन के अभ्यास के लिए आने वाले खिलाड़ी अनिल सिंह ने बताया कि अब प्रशिक्षुओं के लिए आने वाले बैडमिंटन के रैकेट की शुरुआत ही एक हजार से हो रही है।
ब्रांडेड कंपनियों के रैकेट की शुरुआत तीन हजार रुपये से हो रही है। इसी तरह से क्रिकेट के जो बैट तीन हजार रुपए में मिल जाते थे, अब उनकी कीमत पांच हजार रुपए तक पहुंच चुकी है। लखनऊ फुटबॉल संघ के सचिव कन्हैया लाल ने बताया कि पहले बच्चों के अभ्यास के लिए फुटबाल जहां 450 से 500 रुपए में आती थी, वहीं अब उसके दाम बढ़कर आठ सौ रुपये तक पहुंच गए हैं। जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव बीआर वरुण ने बताया कि ब्रांडेड तो छोड़ दीजिये, स्थानीय स्तर पर जूता बनाने वाली कंपनियों ने दाम बढ़ा दिये हैं। जो जूते यहां पर पांच सौ में मिलते थे, अब उनके दाम आठ सौ रुपए तक पहुंच गए हैं।
खेल उपकरण का कारोबार करने वाले दीपक चावला बताते हैं कि मांग बढ़ने से दाम में इजाफा हुआ है। लोगों में फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ी है। एक अन्य व्यापारी विजय कुमार ने बताया कि यहां पर किसी भी प्रकार के खेल उपकरण तैयार नहीं होते हैं। सबकुछ दिल्ली से ही मंगाना पड़ता है लेकिन वहां से पर्याप्त उपकरणों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
खेल उपकरणों के दाम प्रति पीस (रुपये में)
- खेल उपकरण दाम अब दाम पहले
- रैकेट 3000 2200
- शटल 40 28
- रैकेट टेनिस 4000 3400
- रैकेट सॉफ्ट टेनिस 3000 2500
- टेनिस बॉल 60 45
- बैट 5000 3000
- कूदने वाली रस्सी 440 340
- बॉक्सिंग ग्लव्स 2200 1800
- फुटबॉल 900 500
- वॉलीबाॅल 860 550
- हैंडबॉल 700 450
इनके भी दाम बढ़े
स्विमिंग गॉगल्स, ईयर रिंग्स, वेट लिफ्टिंग, हॉकी की गोलकीपर किट के दाम में पांच प्रतिशत इजाफा हो गया है। टीशर्ट और लोअर के दाम भी दस प्रतिशत तक बढ़े हैं। ठंड में प्रयोग किये जाने वाले ट्रैक सूट के दाम पर पांच सौ से एक हजार रुपए तक बढ़ गए हैं।
उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव आनन्देश्वर पांडेय के मुताबिक, खेल की दुनिया में अधिकांश खिलाड़ी ऐसे घरों से आते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है। इनकी खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किये जाते हैं। कई अधिकारी और व्यापारी ऐसे हैं, जो अच्छे खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता भी कर रहे हैं। इसके अलावा कई पूर्व खिलाड़ी भी प्रशिक्षु खिलाड़ियों को अभ्यास के लिए अपने उपकरण सौंप देते हैं। खेल विभाग भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने में जुटा है।
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