भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के फरवरी में चालू हो जाने की संभावना
गुवाहाटी। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन (आईबीएफपीएल) अगले महीने चालू हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। 130 किलोमीटर लंबी इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 377.08 करोड़ रुपये की लागत आई है। अंतरराष्ट्रीय तेल पाइपलाइन आईबीएफपीएल के माध्यम से असम स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) के पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में स्थित विपणन टर्मिनल से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसी) के परबतीपुर डिपो तक ईंधन पहुंचाया जाएगा।
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एनआरएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत द्वारा वित्तपोषित इस द्विपक्षीय परियोजना का यांत्रिक कार्य पिछले साल 12 दिसंबर को पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा, हमने फरवरी, 2023 में इसे चालू करने का लक्ष्य रखा है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में सितंबर, 2018 में इस पाइपलाइन का शिलान्यास हुआ था।
पूर्वोत्तर की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह परियोजना सही मायने में एक इंजीनियरिंग ‘चमत्कार’ है। हमने कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और तकनीकी समझ के साथ यह अंतरराष्ट्रीय परियोजना पूरी हो सकी है।
उन्होंने कहा कि आईबीएफपीएल को भारत और बांग्लादेश के बीच सच्ची दोस्ती के कारण सफलतापूर्वक लागू किया गया है और यह दो दक्षिण- एशियाई देशों के बीच अच्छे संबंधों का प्रमाण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ बैठक में इस 10 लाख टन सालाना क्षमता की पाइपलाइन के वित्तपोषण की सहमति जताई थी। आईबीएफपीएल के निर्माण की कुल लागत 377.08 करोड़ रुपये है।
इसमें से एनआरएल का निवेश पाइपलाइन के भारत के हिस्से के लिए 91.84 करोड़ रुपये है, जबकि बांग्लादेश के हिस्से के लिए शेष 285.24 करोड़ रुपये अनुदान सहायता के रूप में भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित किए जा रहे हैं। पड़ोसी देश के विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के अवसर पर असम विधानसभा द्वारा हाल ही में तैयार एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश इस साल के अंत में एनआरएल से गैस और तेल आयात करना शुरू कर देगा।
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