विपक्ष कलसा बंदूरी परियोजना में खामियां निकाल कर अपनी मानसिकता प्रदर्शित कर रहा है: बोम्मई

विपक्ष कलसा बंदूरी परियोजना में खामियां निकाल कर अपनी मानसिकता प्रदर्शित कर रहा है: बोम्मई

बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस कलसा-बंदूरी नहर परियोजना रिपोर्ट को केन्द्रीय जल आयोग द्वारा तीन दिन पहले मिली मंजूरी में खामियां निकाल कर अपनी मानसिकता प्रदर्शित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए बनाई गईं नयी आरक्षण श्रेणियों की आलोचना भी कर रहा है। बोम्मई ने कहा कि उत्तरी कर्नाटक के कुछ हिस्सों में पेयजल की समस्या को दूर करने संबंधी बहुप्रतीक्षित कलसा-बंदूरी नहर परियोजना का तार्किक निपटारा हो गया है। 

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ी है इसलिए उन्होंने डीपीआर के नीचे तारीख और हस्ताक्षर नहीं देखे हैं। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा, जिस मुद्दे पर हम (भाजपा) और वे (कांग्रेस) लड़े थे,वह 20-25 वर्ष में तार्किक नतीजे पर पहुंच गया है। अब भी आदेश में खामियां निकालना उनकी मानसिकता दिखाता है और कुछ नहीं। मैं उनकी टिप्पणियों से परेशान नहीं हूं। 

उन्होंने कहा कि डीपीआर तैयार है, राज्य सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से मंजूरी लेगी और काम शुरू करेगी। अन्य पिछड़ी जातियों को आरक्षण के संबंध में बोम्मई ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग का अंतिम आदेश आने पर लोगों को पता चल जाएगा। वह अन्य पिछड़ी जातियों की 3ए और 3बी दो श्रेणियों के उन्मूलन और 2सी और 2डी श्रेणियों के सृजन का जिक्र कर रहे थे। 3ए में आने वाले जैसे वोक्कालिगा और 3बी में आने वाले लिंगायत जैसे समूह को अब क्रमश: 2सी और 2डी में स्थान मिलेगा। कांग्रेस ने 2सी और 2डी श्रेणी के गठन को राजनीतिक चाल करार दिया है, वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरिम रिपोर्ट आ गई है जिसमें सरकार ने अपना उद्देश्य स्पष्ट किया है। 

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