आईसीएआर-एनबीएफजीआर के स्वच्छता पखवाड़े ने किया जागरुक, दिलाई की सभी को शपथ

अमृत विचार लखनऊ। आईसीएआर-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएफजीआर) लखनऊ में 16 से 31 दिसंबर 2022 तक आयोजित स्वच्छता पखवाड़े का शनिवार को समापन हुआ। इस स्वच्छता पखवाड़े दौरान लोगों को जहां साफ-सफाई के प्रति जागरुक किया गया वहीं दूसरी ओर स्वच्छ रहने की शपथ भी दिलाई गई। कार्यक्रम की शुरूआत बीते 16 दिसंबर को निदेशक डॉ. यू.के. सरकार ने किया।

समापन कार्यक्रम में डॉ. सरकार ने कहा कि हमारे जीवन में स्वच्छता हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करके हमारी उत्पादकता को बढ़ाती है। उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण के बढ़ते खतरों के बारे में चेतावनी दी, जो अंततः जलीय जीवों और जल निकायों में वनस्पतियों को प्रभावित कर रहा है, इस प्रकार हमारे जीवन रक्षक पारिस्थितिकी तंत्र के लिये खतरा उत्पन्न कर रहा है, अतः यह हम सभी के लिए एकल उपयोग वाले प्लास्टिक से पर्यावरण को मुक्त बनाने की चेतावनी है।
किसानों को भी किया जागरूक
पखवाड़े के दौरान परिसर में रहने वाले स्टाफ सदस्यों और परिवारों ने उत्साह के साथ सफाई अभियान में भाग लिया। इससे पहले 23 दिसंबर को बाराबंकी स्थित गौरिया-चंदौली, नवाबगंज, में अनुसूचित जाति लाभार्थी किसान के खेत के पास ग्रामीणों के कल्याण और मछली पालन आधारित खेती की बेहतरी के लिए किसान गोष्ठी और स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
जिसमें लगभग 100 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें किसान, जलीय कृषि कार्यकर्ता, प्रगतिशील जलीय कृषि किसान और कर्मचारी सदस्य शामिल थे। प्रतिभागियों को स्वस्थ मानव जीवन शैली, जल संरक्षण और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। निदेशक द्वारा पखवाड़े के दौरान सभी स्वच्छता गतिविधियों का बुलेटिन भी जारी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अचल सिंह एवं डॉ. राघवेंद्र सिंह ने किया।
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