हल्द्वानी: 25 मीटर देने को तैयार, बाकी पर हमारा अधिकार

हल्द्वानी, अमृत विचार। रेलवे भूमि पर व्याप्त अतिक्रमण के मामले में बरेली से बनभूलपुरा पहुंचे जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने ऐलान किया कि वह रेलवे लाइन से 25 मीटर का हिस्सा देने को तैयार है। उन्होंने लोगों को भरोसा भी दिया कि मरकज आपके साथ है और मुझे दिली तौर पर अफसोस हुआ जब अतिक्रमण ढहाने की खबर हल्द्वानी से उनके पास बरेली पहुंची। इससे पहले तमाम उलेमा सामने आए और उन्होंने सीमांकन पर सवाल खड़े किए।
लाइन नंबर 17 मुजाहिद चौक स्थित गफ्फारी मस्जिद से लोगों को संबोधित करते हुए सलमान मियां ने कहा, मरकज आपके साथ। जुल्म और ज्यादती को बर्दाश्त नही की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह आवेश में आकर कानून को हाथ मे न लें। हम राज्य सरकार के साथ संपर्क में हैं। हमारी मुख्यमंत्री के सचिव से हुई है। उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कलकत्ता में हैं।
सचिव ने कहा है कि इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि बस्ती के लोगों को तकलीफ न हो। हमने रेलवे लाइन से 25 मीटर छोड़ने की बात कही है। उन्होंने बस्ती के पैरोकारों को भी कटघरे में खड़ा किया और कहाकि हाईकोर्ट में हमारा पक्ष ठीक ढंग से नहीं रखा गया। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हमारा भी वकीलों का पैनल सुप्रीम कोर्ट पहुंचेगा। उन्होंने लोगों से कहा, कोई दिक्कत तो मरकज को बताएं। मरकल केंद्र और राज्य सरकार दोनों के समक्ष अपनी बात रखने में सक्षम है। इस दौरान मोइन रजा बरकाती, आयुजुल कादरी, मुफ्ती अहमद रजा, मोहम्मद अकरम, दानिश कादरी, अख्तर रजा, आजम रजा कादरी आदि थे।
हमें नाजायज हरगिज न सताया जाए
मुफ्ती अहमद रजा ने अपने संबोधन में कहा कि हमें नाजायज हरगिज न सताया जाए। सरकार का काम बसाना है, उजाड़ना नहीं। जायज तरीके से सीमांकन किया जाए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि सोशल मीडिया पर नाजायज कमेंट न करें। इसको लेकर उन्होंने गुरुवार को हुए कैंडल मार्च का जिक्र भी किया और कहा कि यह आपकी जिम्मेदारी है कि माहौल खराब न पाए।
पूरे हिन्दुस्तान तक पहुंची हल्द्वानी की आवाज
मोहमद अकरम ने कहा, हमारी आवाज पूरे हिन्दुस्तान तक पहुंच चुकी है। लोग जानना चाहते कि हल्द्वानी वालों के साथ क्या हो रहा है। आप अपने आपको तन्हा न समझें। लोग जुड़ रहे हैं। हम हाईकोर्ट के फैसले का विरोध नही करते, लेकिन हमारी जिस अंदाज में बात रखी जानी चाहिए थी वो हाईकोर्ट के सामने नहीं रखी गई। आज हम अपनी बात पहुंचने के लिए जमा हुए हैं। उन्होंने रेलवे द्वारा लगाए गए खंबो पर भी सवाल उठाए।