नगर निगम के आउटसोर्सिंग कर्मचारी शोषण का शिकार, समय पर वेतन नहीं दे रहीं कार्यदायी संस्थाएं

नगर निगम के आउटसोर्सिंग कर्मचारी शोषण का शिकार, समय पर वेतन नहीं दे रहीं कार्यदायी संस्थाएं

लखनऊ। नगर निगम में आउट सोर्सिंग पर तैनात कर्मचारी शोषण का शिकार हैं। उन्हें कार्यदायी संस्थाएं समय पर वेतन और सुविधाएं नहीं दे रही हैं। ईपीएफ-ईएसआई कटौती के 50 करोड़ से ज्यादा रुपये कार्यदायी संस्थाएं हजम कर गयी हैं। नगर निगम की लापरवाही से 368.50 रुपये प्रतिदिन के शासनादेश के बावजूद सफाई कर्मचारियों को 308 रुपये ही मानदेय मिल रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था के लिए नगर निगम में लगभग 11 हजार सफाई कर्मचारी लगे हैं।

इनमें कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से लगभग 8,500 और संविदा पर लगभग 2,500 सफाई कर्मचारी तैनात हैं। आउट सोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों को वेतन देने में कार्यदायी संस्थाएं मनमानी कर रही हैं। तीन से लेकर छह महीने तक उन्हें वेतन नहीं मिल पाता है। ईपीएफ-ईएसआई की कटौती के बावजूद कार्यदायी संस्थाओं ने पैसा जमा ही नहीं किया। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह की सख्ती के बाद कुछ कार्यदायी संस्थाओं ने कुछ बकाया तो जमा किया लेकिन, अभी भी 50 करोड़ रुपये फंसा है।

ईपीएफ-ईएसआई जमा न करने वाली संस्थाएं हो सकती हैं ब्लैक लिस्ट
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब कार्यदायी संस्थाओं को ईपीएफ-ईएसआई कटौती की धनराशि जमा करने की रसीद दिखाने पर ही कर्मचारियों के मानदेय का हर महीने भुगतान किया जा रहा है। जिससे पिछले तीन महीनों से कर्मचारियों का ईपीएफ और ईएसआई कार्यदायी संस्थाएं जमा कर रही हैं। पिछला बकाया पैसा जमा न करने वाली संस्थाओं पर नगर निगम सख्ती करेगा। उन्हें नोटिस देने के साथ ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी है।

40 लाख का बीमा देने के लिए खुलवाए जा रहे बैंक खाते
कार्य के दौरान दुर्घटना की स्थिति में बीमा न होने से इन कर्मचारियों के आश्रितों को आर्थिक सहायता नहीं मिल पाती थी। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह की पहल पर पहली बार सफाई कर्मचारियों को 40 लाख का बीमा देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए पंजाब एंड सिंध बैंक से नगर निगम का करार भी हो चुका है। नगर निगम इनका बैंक खाता खुलवा रहा है। जिसके बाद इनका वेतन पंजाब एंड सिंध बैंक में ही ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए कर्मचारियों से प्रीमियम की भी कटौती नहीं की जाएगी।

बकाया ईपीएफ और ईएसआई जमा करने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को नोटिस दिया जाएगा। जो संस्थाएं पैसा जमा नहीं करेंगी, उनको ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। जो कार्यदायी संस्थाएं कर्मचारियों के ईपीएफ-ईएसआई की धनराशि जमा करने की रसीद दिखा रही हैं उनको ही भुगतान किया जा रहा है ...एसके रावत, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, लखनऊ नगर निगम।
 
नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा 368.50 रुपये प्रतिदिन मानदेय का आदेश जारी किए लगभग एक साल होने वाला है। नगर निगम के अधिकारियों से कई बार इसे लागू करने के लिए मुलाकात की गयी है लेकिन, अधिकारी आर्थिक स्थिति सही न होने का हवाला देकर इसे अभी लागू नहीं करने की बात कहते हैं ...नरेश वाल्मीकि, सफाई मजदूर संघ, नगर निगम लखनऊ।

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