पूर्वोत्तर रेलवे ने किया रेल कोचों का आधुनिकीकरण

लखनऊ,अमृत विचार। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भारतीय रेल की ’’उत्कृष्ट रेल कोच’’ योजना के तहत कोचों को नया स्वरूप प्रदान किया है। रेलवे के यांत्रिक कारखाना में कुल 37 कोचों को यांत्रिक कारखाना व अन्य 6 कोचों का आधुनिकीकरण किया जा चुका है। इसी प्रकार यांत्रिक कारखाना में 17 कोचों को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने …
लखनऊ,अमृत विचार। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भारतीय रेल की ’’उत्कृष्ट रेल कोच’’ योजना के तहत कोचों को नया स्वरूप प्रदान किया है। रेलवे के यांत्रिक कारखाना में कुल 37 कोचों को यांत्रिक कारखाना व अन्य 6 कोचों का आधुनिकीकरण किया जा चुका है। इसी प्रकार यांत्रिक कारखाना में 17 कोचों को आधुनिक स्वरूप प्रदान करने का कार्य किया जा चुका है।
यांत्रिक कारखाना गोरखपुर ने जिन 20 कोचों को आधुनिक नया स्वरुप प्रदान किया गया है उनमे 15048/15047 गोरखपुर-कोलकाता-गोरखपुर पूर्वान्चल एक्सप्रेस में किया जायेगा। वहीं 12527/12528 रामनगर-चण्डीगढ-रामनगऱ एक्सप्रेस में उपयोग किया जायेगा।
इन ट्रेनों के वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का 01, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के 4, शयनयान के 10, साधारण श्रेणी के 3 व एसएलआर 2 कोचों समेत कुल बीस कोचों का आधुनिकीकरण किया गया है। यांत्रिक कारखाना ने वातानुकूलित चेयरकार का 1, चेयरकार के 6, साधारण श्रेणी के 7, एसएलआरडी का 1 व एसएलआर के 2 कोच समेत कुल 17 कोचों का आधुनिकीकरण किया गया है। इन कोचों के प्रसाधन में अच्छी गुणवत्ता के बेसिन, वाटर टैप, स्टेनलेस स्टील के डस्टबिन लगाये गये हैं। वेंटिलेशन सिस्टम में भी सुधार किया गया है साथ ही ट्वायलेट आकुपेशन इंडीकेशन बोर्ड भी लगाया गया है।
इसके अतिरिक्त ई-पाॅक्सी फ्लोरिंग की गयी है। कोच के अन्दर विनायल रैपिंग किये जाने के साथ ही बाहर की पेन्टिंग स्कीम को पीच और मैरून कलर करके आकर्षक स्वरूप प्रदान किया है। कोचों में पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र से संबंधित जैसे कि रेलवे म्यूजियम, गुरू गोरक्षनाथ मंदिर, गीताप्रेस, रामगढ़ ताल, गोरखपुर,बौद्ध मंदिर कुशीनगर इत्यादि मनोहारी चित्र प्रदर्षित किये जाने के साथ ही पूरे कोच में सभी फिटिंग्स व सीटों को पूरी तरह से ठीक किया गया है।