बरेली: 31 साल बाद भूमि न होने का सीबीसीआईडी का दर्द का आया सामने

अपर पुलिस अधीक्षक ने 500 से 1000 वर्ग गज भूमि दिलाने को डीएम को लिखी चिट्ठी, 1991 से एडीजी कार्यालय में दो कमरों में चल रहा है रुहेलखंड जोन का कार्यालय

बरेली: 31 साल बाद भूमि न होने का सीबीसीआईडी का दर्द का आया सामने

बरेली, अमृत विचार। बात 1991 की है। कैंट स्थित रॉयल होटल में अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग खंड बरेली (सीबीसीआईडी) कार्यालय था। उन्हीं दिनों इतनी बारिश हुई कि जिस भवन में कार्यालय खुला था वह भरभराकर गिर गया। इसके बाद सीबीसीआईडी के अधिकारी व कर्मचारियों को कोई भवन न होने से दिक्कतें हुईं।

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उसी समय मामला लखनऊ पहुंचा और अस्थाई तौर पर अपर पुलिस महानिदेशक बरेली जोन के कार्यालय परिसर में दो छोटे कमरों व एक हाल में यह कार्यालय स्थापित कर दिया। तभी से महत्वपूर्ण विभाग उन्हीं दो कमरों में संचालित हैं। इस बात को 31 साल गुजर गए लेकिन नौ जिलों में गंभीर आपराधिक मामलों की जांच करने वाली सीबीसीआईडी काे अपना भवन तो दूर भूमि तक नहीं मिली।

अब अधिकारियों का दर्द सामने आने लगा है। अपर पुलिस अधीक्षक/खंडाधिकारी उमेश कुमार ने 1 दिसंबर को जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखी है। उसके जरिए डीएम को बताया है कि अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग खंड बरेली के क्षेत्राधिकार में नौ जनपद आते हैं। कार्यालय में जगह कम होने की वजह से कामकाज सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है।

राजपत्रित अधिकारी की गरिमा के मुताबिक कार्यालय नहीं है। इस संबंध में मुख्यालय अपराध शाखा अपराध अनुसंधान विभाग लखनऊ द्वारा खंड कार्यालय व आवास स्थापित करने के लिए भूमि आवंटन के संबंध में पत्राचार करने के लिए निर्देशित किया है। खंडाधिकारी उमेश कुमार ने जिलाधिकारी से 500 से लेकर 1000 वर्ग गज भूमि या राजकीय भवन आवंटन कराने की मांग की है।

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