चंद्र ग्रहण: पूर्णिमा पर नौ घंटे बंद रहे मठ-मंदिरों के कपाट, मोक्ष के बाद श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

अयोध्या, अमृत विचार। चंद्र ग्रहण को लेकर रामनगरी में मठ मंदिरों के कपाट नौ घंटें से ज्यादा समय तक बंद रहे। पूर्णिमा के चलते प्रशासन ने नागेश्वरनाथ और हनुमानगढ़ी के कपाट तय समय से पहले खुलवा दिया था। सुबह 8:10 बजे से सूतक का प्रभाव शुरू होना था लेकिन हनुमानगढ़ी के कपाट नित्य क्रियाकर्म के …
अयोध्या, अमृत विचार। चंद्र ग्रहण को लेकर रामनगरी में मठ मंदिरों के कपाट नौ घंटें से ज्यादा समय तक बंद रहे। पूर्णिमा के चलते प्रशासन ने नागेश्वरनाथ और हनुमानगढ़ी के कपाट तय समय से पहले खुलवा दिया था। सुबह 8:10 बजे से सूतक का प्रभाव शुरू होना था लेकिन हनुमानगढ़ी के कपाट नित्य क्रियाकर्म के लिए लगभग 7:30 बजे ही बंद कर दिए गए। यही हाल नागेश्वरनाथ मंदिर का भी रहा। प्रमुख मंदिरों में शुमार कनक भवन में तो केवल सुबह की पाली में रूटीन राग-भोग और आरती ही संपन्न हो पाई। चंद्र ग्रहण दूसरी पहर 5:10 बजे शुरू हुआ तथा एक घंटा नौ मिनट बाद 6:19 पर मोक्ष के बाद फिर से मंदिर परिसर की धुलाई सफाई की गई तथा राग-भोग आरती के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया।
ग्रहण के चलते नहीं हो पाई दोपहर की आरती
ग्रहण के सूतक के चलते कार्तिक पूर्णिमा मेले के दिन रामलला की दोपहर की आरती नहीं हो पाई। हालांकि सुबह और शाम की आरती तथा राग-भोग का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित व्यवस्था और कार्यक्रम के मुताबिक संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं को भी केवल एक घंटे सुबह 7 से 8 बजे के बीच ही रामलला का दर्शन हासिल हो सका। मोक्ष के बाद संध्या आरती में पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालु शामिल हुए और रामलला का दर्शन किया। ट्रस्ट की ओर से बीते एक नंवबर से संध्या आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की तादात 30 से बढ़ाकर दोगुनी अर्थात 60 कर दी गई है। वहीं सुबह की आरती में भी तय संख्या 30 के मुताबिक श्रद्धालु शामिल हुए। दोपहर की आरती में भी 30 श्रद्धालुओं को शामिल होना था लेकिन ग्रहण के सूतक के चलते दोपहर की आरती ही नहीं हुई।
मोक्ष के बाद मंदिरों में जाने को बेताब दिखे शहरवासी
चंद्र ग्रहण के मोक्ष के बाद शहरवासियों ने भी अयोध्या में मंदिरों के दर्शन करने को रुख किया। पूर्णिमा के मुहूर्त में ही दर्शन करने का सौभाग्य पाने के लिए जैसे ही लोग सड़क पर निकले तो हर तरफ जाम की स्थिति दिखाई पड़ रही थी। फैजाबाद शहर के मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ देर शाम तक जुटी रही। पूजन-अर्चन को लेकर महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंची थीं। नाका, रिकाबगंज, देवकाली समेत कई मंदिरों में शाम 7 बजे के बाद आस्था उमड़ पड़ी। देर रात लोग मंदिरों में कतारबद्ध देखे गए।
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