विद्युत उत्पादन : ऊंचाहार परियोजना में चार लाख मीट्रिक टन कोयले का भंडारण
अमृत विचार, रायबरेली। बिहार के औरंगाबाद में मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात बाधिक होने के कारण बंद हुई ऊंचाहार परियोजना में कोयले की आपूर्ति का फिलहाल विद्युत उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। एनटीपीसी की आधिकारिक सूचना में बताया गया है कि ऊंचाहार परियोजना के पास चार लाख मीट्रिक …
अमृत विचार, रायबरेली। बिहार के औरंगाबाद में मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात बाधिक होने के कारण बंद हुई ऊंचाहार परियोजना में कोयले की आपूर्ति का फिलहाल विद्युत उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। एनटीपीसी की आधिकारिक सूचना में बताया गया है कि ऊंचाहार परियोजना के पास चार लाख मीट्रिक टन कोयले का भंडारण है।
ऊंचाहार परियोजना के इस समय 210 मेगावाट प्रत्येक यूनिट क्षमता की यूनिट नंबर एक और दो तथा 500 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर छह बंद चल रही है। ये यूनिटें बिजली की मांग कम होने के कारण उत्तरी ग्रिड के नियंत्रक नॉर्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर (एनआरएलडीसी) के निर्देश पर बंद की गई है। तीन बड़ी यूनिटों के बंद होने के कारण परियोजना में कोयले की खपत काफी कम है । इस समय करीब 12 हजार मीट्रिक टन कोयले को रोजाना खपत हो रही है।
जबकि सभी यूनिटों के चलने की दशा में रोज तीस हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत होती थी। बिहार में ट्रेन हादसे के बाद रेल यातायात प्रभावित होने के कारण एनटीपीसी में कोयले की किल्लत नहीं है। इस संबंध में एनटीपीसी की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने प्रेस नोट जारी किया है।
जिसमें कहा गया है कि ऊंचाहार परियोजना में चार लाख मीट्रिक टन कोयले का पर्याप्त भंडारण है। इसी के साथ परियोजना में बिजली उत्पादन कर रही 210 मेगावाट प्रत्येक यूनिट क्षमता की कुल इकाइयां यूनिट नंबर तीन , चार और पांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इस प्रकार ऊंचाहार परियोजना में 660 मेगावाट का बिजली उत्पादन हो रहा है।
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