प्रदर्शनों के केंद्र के रूप में उभरा ईरान का प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

प्रदर्शनों के केंद्र के रूप में उभरा ईरान का प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय

तेहरान। ईरान का प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान शरीफ प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देश में जारी प्रदर्शनों के केंद्र के तौर पर उभरा है। इस विश्वविद्यालय से पढ़े विद्यार्थी ईरान के परमाणु कार्यक्रम और एयरोस्पेस समेत विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के दशकों से करीबी सलाहकारों में शामिल एक …

तेहरान। ईरान का प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान शरीफ प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देश में जारी प्रदर्शनों के केंद्र के तौर पर उभरा है। इस विश्वविद्यालय से पढ़े विद्यार्थी ईरान के परमाणु कार्यक्रम और एयरोस्पेस समेत विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के दशकों से करीबी सलाहकारों में शामिल एक शख्स भी इसी विश्वविद्यालय से पढ़े हैं।

ईरान में सितंबर में कथित रूप से हिजाब सही तरह से नहीं पहनने की वजह से 22 वर्षीय युवती महसा अमीनी को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद पुलिस हिरासत में उनकी मौत के बाद देश भर में प्रदर्शन भड़क गए थे। ‘ईरान का एमआईटी’ कहा जाने वाला शरीफ विश्वविद्यालय अप्रत्याशित तौर पर प्रदर्शन का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है और यह ईरान का दशकों में सबसे बड़ा सरकार विरोधी प्रदर्शन बन गया है।

विश्वविद्यालय के एक विद्यार्थी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “ हम इसलिए राजनीतिक रूप से सक्रिय हुए क्योंकि हमारे पास खोने को कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा, “ ईरान में अब चीजें जिस तरह से हैं, उसे देखते हुए आपको अपने परिवार और दोस्तों को छोड़ना होगा और अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा।” समूचे देश में सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनों को कुचलने की कोशिशों के बावजूद ईरानी सड़कों पर हैं और वे सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इज़हार कर रहे हैं।

वर्षों की शांति के बाद बीते कुछ हफ्ते से विश्वविद्यालय परिसर विरोध की आवाज़ का केंद्र बन गए हैं। बोस्टन कॉलेज में ईरानी छात्र मोहम्मद अली कदीवर ने कहा, “ छात्रों को इस बात का अहसास हो गया है कि वे इस ढांचे में अपने अधिकार नहीं हासिल कर पाएंगे। वे इस्लामी गणतंत्र के अंत की मांग कर रहे हैं।” शरीफ विश्वविद्यालय में बीते एक महीने से करीब करीब हर दिन प्रदर्शन हो रहा है। इससे पहले दो अक्टूबर को सुरक्षा बलों ने हिंसक तरीके से प्रदर्शन को कुचलने की कोशिश की थी।

इस वजह से घंटों तक पुलिस और छात्रों में गतिरोध रहा और इसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुनी गई। शरीफ विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र मुईन ने कहा, “ यह सच है या नहीं, लोगों की यह भावना है कि परिसर में विरोध करना सुरक्षित है।” पहले भी विश्वविद्यालय परिसर ईरान के विपक्षी आंदोलनों के लिए अहम रहे हैं।

साल 1953 में अमेरिका के समर्थन वाले तख्तापलट के बाद तेहरान विश्वविद्यालय के छात्रों ने तत्कालीन अमेरिकी उपराष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के ईरान दौरे को लेकर प्रदर्शन किए थे। शाह के सुरक्षा बलों ने परिसरों में घुसकर तीन विद्यार्थियों को गोली मार दी थी। इसके दो दशक बाद शरीफ और अन्य विश्वविद्यालयों के मार्क्सवादी और इस्लामी छात्र समूहों ने 1979 की इस्लामी क्रांति की शुरूआत की।

इसके बाद बनी व्यवस्था आज तक ईरान पर शासन कर रही है। यूक्रेनी विमान को मार गिराने और उसमें शरीफ विश्वविद्यालय के दर्जनों स्नातकों समेत 176 लोगों की मौत के बाद साल 2020 में छात्र समूहों ने कक्षाओं का बहिष्कार किया और प्रदर्शन किया। एक विद्यार्थी ने कहा, “ हमारे पास कोई उद्योग नहीं है, हमारी आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति खराब है। लेकिन सबसे बड़ा कारण है आजादी। हम सिर्फ बुनियादी चीजें चाहते हैं जो आपके पास पूरी दुनिया में है।”

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