लखनऊ में शुरू हुई गोवर्धन पूजा, पहली बार इस तरह हो रही पूजा

लखनऊ में शुरू हुई गोवर्धन पूजा, पहली बार इस तरह हो रही पूजा

अमृत विचार, लखनऊ। आमतौर दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा का पर्व पहली बार आज दीपावली के बाद एक दिन छोड़कर मनाया जा रहा है। आज राजधानी लखनऊ में लोगों ने अपने अपने घरों में गोवर्धन पूजा की शुरुआत की है. अधिकांश घरों में गाय के गोवर से पूजा हुई है। दिनभर …

अमृत विचार, लखनऊ। आमतौर दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन पूजा का पर्व पहली बार आज दीपावली के बाद एक दिन छोड़कर मनाया जा रहा है। आज राजधानी लखनऊ में लोगों ने अपने अपने घरों में गोवर्धन पूजा की शुरुआत की है. अधिकांश घरों में गाय के गोवर से पूजा हुई है। दिनभर के बाद गोवर्धन की पूजा के सभी सामग्री को समेट कर एक किनारे रखते हुए उसपर दीपक जलाया जायेगा।

पहली बार इस तरह हुई पूजा

जानकारों का कहना ऐसा पहली बार हुआ है जब दीपावली के बाद एक दिन छोड़कर गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई है। लखनऊ में अलीगंज स्थित मशहूर विंध्याचल मंदिर के महंत पंडित सूर्यकांत तिवारी ने बताया की वैसे तो दीपावली से ठीक एक दिन बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार दीपावली के अगले दिन सूर्यग्रहण पड़ गया है, जिसमे गोवर्धन की पूजा उचित नहीं है।

इस वजह से होती है गोवर्धन पूजा

मान्यता है की इस दिन श्रीकृष्ण के स्वरूप गोवर्धन पर्वत (गिरिराज जी) और गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन, वृंदावन और मथुरा सहित पूरे बृज में इस दिन जोर-शोर से अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव कार्तिक प्रतिपदा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है।

गाय के गोबर का बहुत महत्व

पंडित सूर्यकान्त ने बताया इस पूजा में गाय के गोबर का बहुत महत्व होता है। इसी गोबर से ही प्रतीक के रूप में सभी देवी देवता के साथ साथ पूरा एक दृश्य बनाया जाता है। उसमे सूर्य, चन्द्रमा, गाय का भी प्रतीक होता है. खेत, खलिहान के दृश्य की भी पूजा होती है।

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