मुरादाबाद : भुल्लर के घर बैठ टीवी देख रहा था जफर, पूछताछ में पुलिस के सामने उगले राज

मुरादाबाद : भुल्लर के घर बैठ टीवी देख रहा था जफर, पूछताछ में पुलिस के सामने उगले राज

मुरादाबाद,अमृत विचार। मुठभेड़ में पाकबड़ा पुलिस के हत्थे चढ़े खनन माफिया जफर ने पूछताछ में सनसनीखेज दावा किया है। जफर के मुताबिक मुरादाबाद पुलिस ने जिस वक्त भुल्लर के घर छापेमारी की, तब वह मकान की तीसरी मंजिल पर बैठ कर टीवी देख रहा था। उसे पुलिस के वहां पहुंचने तक की भनक नहीं लगी। …

मुरादाबाद,अमृत विचार। मुठभेड़ में पाकबड़ा पुलिस के हत्थे चढ़े खनन माफिया जफर ने पूछताछ में सनसनीखेज दावा किया है। जफर के मुताबिक मुरादाबाद पुलिस ने जिस वक्त भुल्लर के घर छापेमारी की, तब वह मकान की तीसरी मंजिल पर बैठ कर टीवी देख रहा था। उसे पुलिस के वहां पहुंचने तक की भनक नहीं लगी। जफर को दबोचने के बाद मकान से बाहर निकलने के कोशिश कर रही पुलिस की राह में जसपुर के ज्येष्ठ उप ब्लाक प्रमुख व उनके गुर्गों ने रोड़ा डाला। इसलिए तब मुरादाबाद पुलिस जफर की गिरफ्तारी में विफल हो गई। जफर के इकरारनामे के बाद उत्तराखंड की सियासत में तूफान खड़ा होना तय है। गहन जानकारी के लिए पाकबड़ा पुलिस देर शाम तक जफर को रिमांड पर लेने की कोशिश करती रही।

दिल्ली रोड के समीप कैलसा मोड़ से मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली पैर में लगने से जफर घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अपराह्न करीब तीन बजे जफर को जिला अस्पताल से साथ लेकर पुलिस पाकबड़ा थाने पहुंची। वहां थाना प्रभारी मोहित चौधरी ने उत्तराखंड में हुई घटना के बाबत जफर से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान मौजूद पुलिस सूत्रों के मुताबिक जफर ने कई चौंकाने वाले दावे किए। बताया कि 12 अक्टूबर की शाम करीब साढ़े छह बजे मुरादाबाद पुलिस जब भरतपुर गांव पहुंची, तब वह भुल्लर के घर मौजूद था।

वह मकान की तीसरी मंजिल पर बैठकर टीवी देख रहा था। टीवी देखने के कारण ही पुलिस के पहुंचने की भनक उसे नहीं लगी। मकान में घुसकर पुलिस ने जफर को दबोच लिया। जफर को पकड़ कर भुल्लर के मकान से निकलने की कोशिश पुलिस ने की। सीढ़ियों से उतरने के दौरान गुरताज भुल्लर व उसके गुर्गे पुलिस की राह का रोड़ा बन गए। मकान के दूसरी मंजिल पर अचानक गोली चलने की आवाज सुनी गई। गोली व चीख पुकार सुनकर ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। भुल्लर व उसके गुर्गों ने भीड़ की मदद से पुलिसकर्मियों को दबोच लिया।

पुलिसकर्मियों को बेरहमी से पिटाई करते हुए उनके पांव में गोली मारी गई। भीड़ व रात के अंधेरे का लाभ उठाकर जफर मौके से फरार होने में सफल रहा। जफर के दावे में कितनी सच्चाई है, यह तो पुलिस तय करेगी। लेकिन, जफर की कहानी की कड़ियों के जोड़ एक साथ कई तरह के सवाल खड़ा कर रहे हैं। सवालों से बचना उत्तराख् पुलिस व भुल्लर के साथ ही मुरादाबाद पुलिस के लिए भी आसान नहीं होगा।

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