बांदा: जानलेवा साबित हो रही संक्रामक बीमारियां, बुखार से महिला ने दम तोड़ा

बांदा: जानलेवा साबित हो रही संक्रामक बीमारियां, बुखार से महिला ने दम तोड़ा

बांदा, अमृत विचार। मौसम की मार से लोग बेजार हो रहे हैं। सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी से पीड़ित मरीजों की भरमार है। वहीं संक्रामक बीमारी भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। अस्पताल खुलते ही सुबह से मरीजों की भीड़ जमा हो जाती है। पर्चा बनवाने के बाद तीमारदार चिकित्सकों के चेंबर में …

बांदा, अमृत विचार। मौसम की मार से लोग बेजार हो रहे हैं। सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी से पीड़ित मरीजों की भरमार है। वहीं संक्रामक बीमारी भी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। अस्पताल खुलते ही सुबह से मरीजों की भीड़ जमा हो जाती है। पर्चा बनवाने के बाद तीमारदार चिकित्सकों के चेंबर में पहुंचकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। बुखार भी जानलेवा होता जा रहा है। बुखार से पीड़ित एक महिला की उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। जबकि एक दर्जन लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

बारिश के बाद जगह जगह फैली गंदगी और मौसमी परिवर्तन से बीमारियां पनपने लगी हैं। सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। इन दिनों मासूम बच्चे और बुजुर्गों की सामत आ रही है। मासूम बच्चे निमोनिया की चपेट में तो बुजुर्ग श्वांस, खांसी से परेशान हैं। अस्पताल में मरीजों को सिर्फ गिनी चुनी ही दवाइयां दी जा रही हैं। गिरवां थाना क्षेत्र के बहेरी गांव निवासी सुशीला (50) पत्नी जगदीश कई दिनों से बुखार से पीड़ित थी।

घरवालों ने उसका सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराया। लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। बुधवार की दोपहर उसकी अचानक हालत ज्यादा खराब हो गई। घरवालों ने उसे उठाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां उपचार के दौरान गुरुवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया। शव देखते ही परिजनों में चीखपुकार मच गई। बुखार से पीड़ित रोहित (16) करबई, ललित (30) इटरा खुर्द, प्रियंका (28) कालूकुआं, शिवम (16) बिजलीखेड़ा, कृष्णा (56) गायत्री नगर, जगनायक (70) बेंदा समेत एक दर्जन लोगों को भर्ती कराया गया। वहां उनका उपचार किया जा रहा है।

मरीज के तीमारदार बताते हैं कि अस्पताल में सिर्फ गिनीचुनी दवाइयां मिल रही हैं। डाक्टर बाजार की दवाएं लिख रहे हैं। मेडिकल स्टोर संचालक उनका आर्थिक शोषण कर रहे हैं। इतना ही नहीं जांचें भी बाहर से करवानी पड़ती हैं। सीएमएस एसएन मिश्र का कहना है कि उनके यहां दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। चिकित्सकों को बाहर से दवाएं न लिखे जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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