बरेली: डेलापीर मंडी में आवक कम हुई तो 5 से 10 रुपये महंगी हो गईं सब्जियां

बरेली, अमृत विचार। डेलापीर मंडी में सब्जियों की आवक एकाएक कम हो गई। चार दिन से हो रही बारिश का असर साफ नजर आ रहा है। आढ़तियों के अनुसार बारिश के बाद खेतों में सब्जी की फसल के खराब होने से अचानक दामों में वृद्धि हुई है। बाजार में इस बार आम आदमी लौकी, तुरई …
बरेली, अमृत विचार। डेलापीर मंडी में सब्जियों की आवक एकाएक कम हो गई। चार दिन से हो रही बारिश का असर साफ नजर आ रहा है। आढ़तियों के अनुसार बारिश के बाद खेतों में सब्जी की फसल के खराब होने से अचानक दामों में वृद्धि हुई है। बाजार में इस बार आम आदमी लौकी, तुरई खाने की स्थिति में भी नहीं रह गया है। डेलापीर मंडी के आढ़तियों के अनुसार मंगलवार तक पुराना माल होने से 5-10 रुपये महंगी सब्जियां मिलीं। आपूर्ति के लिए माल बाहर से मंगाया जा रहा है।
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उम्मीद है कि इस दौरान 40 प्रतिशत तक माल महंगा हो सकता है, क्योंकि बारिश के चलते हरी सब्जियां लगभग 30-40 प्रतिशत तक खराब हो गई हैं। मंडी में कई अन्य आढ़तियों के अनुसार शाहजहांपुर मंडी में मंगलवार को बारिश रुकने के बाद आवक कम होने से दो रुपये की गिरावट हो गई। जिससे कुछ दामों में गिरावट का भी गणित लगा रहे हैं।
सब्जी मंडी में चार दशक से सब्जी की बिक्री का कार्य करने वाले लाल खां के अनुसार बेमौसम की बारिश ने किसानों की फसल उजाड़ दी है। बाजार में इस समय अधिकतम सब्जी बाहर की है। जिन किसानों की खेती ढाल पर थी उनकी फसल कुछ बची है। बरसात के बाद सब्जी महंगी तो हर साल होती है, लेकिन लोकी, तुरही, धनिया, पुदीना इनमें महंगाई नहीं होती थी। खेत में खराब हो जाने से इनकी कमी से दाम बढ़ गए।
धनिया थोक में पहुंचा 100 रुपये
मंडी के महेश ने बताया कि प्याज की आवक तो अभी भी बढ़ी हुई है, लेकिन हरी सब्जियों की फसल खराब होने को लेकर एकाएक मांग बढ़ी है। बाहर से आने वाले माल में भी लगभग 20-30 फीसदी माल खराब ही निकल रहा है। धनिया तो थोक में ही 100 रुपये पहुंच गया है। इस बात से ही हरी सब्जियों की मांग को लेकर अंदाजा लगाया जा सकता है।
मंडी के नौसाद ने बताया कि बारिश के बाद सामान्यता सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी होती है, लेकिन इस बार बेमौसम बारिश होने के चलते कुछ सब्जियां तो बिल्कुल गायब हैं। मंगलवार की रात को माल आएगा। फुटकर सब्जी विक्रेता भी जो 4 बजे से मंडियों में आना शुरू करते थे वे बढ़ती मांग के चलते बीते तीन दिनों से रात में ही आकर खरीद शुरू कर दे रहे हैं कि सुबह तक माल बचे या नहीं।
बाहर से माल मंगाने में लग रहा डर
मंडी के रज्जाक अली के अनुसार बाजार में एक व्यापारी ने लगभग 30 टन पालक मंगाई थी, माल अनलोड होने पर पता लगा कि लगभग 30-35 किलो पालक पानी से खराब होकर सड़ गई। जिसको व्यापारियों के पल्लेदारों की ओर से वहीं डंप कर दिया गया। आलू का भी बुरा हाल है। मिर्च भी सड़ी-गली निकल रही है।
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