हल्द्वानी: नेपाल की डिमांड पर घोड़ासन ने उठाया वन प्लस का शटर
हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल रोड पर वन प्लस के शोरूम से सवा करोड़ की चोरी कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि इस वारदात को ऑन डिमांड अंजाम दिया गया। यही वजह है कि तीन माह के भीतर गैंग दूसरी बार इस वारदात को अंजाम देने आया और वारदात को अंजाम देने के लिए एक ही शोरूम …
हल्द्वानी, अमृत विचार। नैनीताल रोड पर वन प्लस के शोरूम से सवा करोड़ की चोरी कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि इस वारदात को ऑन डिमांड अंजाम दिया गया। यही वजह है कि तीन माह के भीतर गैंग दूसरी बार इस वारदात को अंजाम देने आया और वारदात को अंजाम देने के लिए एक ही शोरूम ‘वन प्लस’ को चुना गया। पुलिस की तहकीकात में भी कुछ ऐसे ही इनपुट सामने आ रहे हैं।
बता दें कि बीती 9 सितंबर को हुई वारदात से ठीक पहले घोड़ासन गैंग के दो गुर्गे नैनीताल रोड पर शोरूम की रेकी करने पहुंचे थे, लेकिन इनमें से एक दबोच लिया गया। पुलिस की सक्रियता की वजह से उस वक्त गैंग वारदात को अंजाम नहीं दे सका। पुलिस की चेतावनी के बाद ही शोरूम में चौकीदार की तैनाती की गई, लेकिन ये भी इत्तेफाक था कि तीन महीने बाद जब गैंग फिर से उसी शोरूम में वारदात को अंजाम देने पहुंचा तो चौकीदार घर में सोने चला गया।
जिसके बाद गैंग सवा करोड़ के वन प्लस के मोबाइल लेकर फरार हो गया। पुलिस का मानना है कि गैंग ने पहली बार असफल होने के बाद फिर उसी शोरूम को निशाना क्यों बनाया। अनुमान है कि वन प्लस के मोबाइल की नेपाल में भारी डिमांड है। जबरदस्त कैमरा, मजबूत बॉडी और बेहतरीन प्रोसेसर समेत तमाम खूबियों की वजह से ये मोबाइल लड़कियों के बीच काफी लोकप्रिय है। करीब 24 हजार रुपए से शुरू होने वाले इस मोबाइल की नेपाल से लंबे समय से मांग आ रही थी। इसी वजह से गैंग ने दो बार एक ही शोरूम को वारदात के लिए चुना और दूसरी बार में सफल रहे।
जाहिर तौर पर एक ही शोरूम को दो बार टारगेट करना सवाल खड़े करता है। इस बात की संभावना है कि नेपाल में इस मोबाइल की मांग की वजह से घटना को अंजाम दिया गया है। हमारी टीम जांच कर रही है और जो बचे हैं, उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
– भूपेंद्र सिंह धौनी, सीओ सिटी, हल्द्वानी
सीमा पार माल, एसओजी बिछा रही जाल
हल्द्वानी। पूरे मामले में एक और बात सामने आ रही है कि वन प्लस के शोरूम से चोरी मोबाइल सीमा पार नेपाल पहुंच चुके हैं। हालांकि इस बात के पुख्ता प्रमाण नहीं है और पुलिस अभी यही मान कर चल रही है कि मोबाइल भारत में ही हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि गैंग के कंपाउंडर ने नेपाली तस्करों से संपर्क कर घटना के दूसरे दिन ही मोबाइल नेपाल पहुंचा दिए थे और बताया ये भी जा रहा है कि मोबाइल के भारत में होने का दावा करने वाली पुलिस की एसओजी टीम ने नेपाल में अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है।
ऊंचे नाम और छोटे दाम पर जताया भरोसा
हल्द्वानी। दुनिया के बेहतरीन और सुरक्षित मोबाइल बेचने वाली एप्पल कंपनी के मंहगे मोबाइल जो लोग नहीं खरीद पाते वो वन प्लस कंपनी के मोबाइल को ऑप्शन में रखते थे। हालांकि वन प्लस कंपनी के मोबाइल भी एक समय 35 हजार से कम कीमत में नहीं थे, लेकिन वन प्लस ने अपने मोबाइल की कीमत गिराई और मोबाइल बाजार में छा गया। केवल भारत ही नहीं बल्कि नेपाल में भी इसी वजह से मोबाइल की भारी मांग है और इसी माना जा रहा है कि इसी कारण हल्द्वानी में चोरी की गई।