अयोध्या: तीन तहसीलों के 27 गांव बाढ़ से घिरे, पांच स्कूल भी बंद, निर्मली कुंड तक पहुंचा बाढ़ का पानी
अयोध्या। तेजी के साथ उफना रही सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का प्रकोप फैल गया है। जिले की तीन तहसीलों के 27 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। गांवों में पानी घुसने से पूराबाजार क्षेत्र के पांच सरकारी स्कूल भी बंद हो गए हैं। गांवों में बाढ़ का पानी दाखिल होने …
अयोध्या। तेजी के साथ उफना रही सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का प्रकोप फैल गया है। जिले की तीन तहसीलों के 27 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। गांवों में पानी घुसने से पूराबाजार क्षेत्र के पांच सरकारी स्कूल भी बंद हो गए हैं। गांवों में बाढ़ का पानी दाखिल होने के बाद जागे प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में दौरा शुरू कर दिया है। हालांकि अभी राहत और बचाव के नाम पर आश्वासन की घुट्टी ही बाढ़ पीड़ितों को पिलाई जा रही है।
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार सोमवार तक खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर बह रही सरयू मंगलवार को 53 सेंटीमीटर पहुंच गई। एक दिन में ही 13 सेंटीमीटर बढ़े सरयू के जलस्तर ने बाढ़ का प्रकोप फैला दिया है। बता दें कि सरयू नदी में खतरे का निशान 92.730 है, मंगलवार को नदी 93.260 पर बह रही है। अयोध्या प्रभारी अमन चौधरी ने बताया कि जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते सदर तहसील के 15, सोहावल और रुदौली के छह-छह गांव और मजरे बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। माना जा रहा है कि अगर तीन चार दिनों में पानी नहीं घटा तो प्रशासन प्रभावितों को गांवों से निकालने का काम शुरू कर देगा।
वहीं नगर क्षेत्र के निचले इलाकों में भी पानी पहुंचने लगा है। जमथरा, धारा रोड और निर्मली कुंड तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। प्रभावित गांवों के लोगों का कहना है कि मंगलवार को केवल अधिकारी आए और आश्वासन देकर चले गए। सोहावल प्रतिनिधि के अनुसार मांझा कला गांव बाढ़ के चलते पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। लगभग 180 परिवारों को गांव से सुरक्षित निकालकर बगल में सहारा बाग में टेंट लगाकर तहसील प्रशासन द्वारा बसाया गया है। डीएम नितिश कुमार ने विस्थापित केंद्र का निरीक्षण किया और राहत सामग्री बांटी। एसडीएम मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया 90 परिवारों को राशन किट दिया गया।
डीएम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया
रुदौली प्रतिनिधि के अनुसार तराई इलाकों में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने मंगलवार को जिलाधिकारी नितीश कुमार व एडीएम वित्त व राजस्व महेंद्र कुमार सिंह व एसडीएम स्वप्निल यादव पहुंचे। डीएम ने कहा कि जो भी फसलें प्रभावित होगीं उनके नुकसान की भरपाई की जायेगी। सर्वे के लिए निर्देशित किया गया है। इन अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित ग्राम सल्लाहपुर व महंगूपुरवा का दौरा किया। ग्राम कैथी के ग्राम प्रधान राम सदन यादव ने बताया कि जलभराव से जहां आवागमन बाधित हो गया है। जानवरों के भोजन की भी समस्या उत्पन्न हो गई है। रुदौली तहसील के महंगू का पुरवा, कैथी, संडरी , मुजेहना , पास्ता माफी खैरी , कोटरा व शाहपुर बाढ़ प्रभावित हो गए हैं।
छलका दर्द : अधिकारी आवा रहै, पूछ के चला गएं, कछु दीहिन नहीं
क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राशन पानी के साथ साथ पशुओं के चारे को लेकर दिक्कतें आने लगी है। प्रभावित लोगों का कहना है कि भइया इहौ बार कौऊनौ इंतजाम न होई, बाढ़ आए गई बा दाना-दाना तिनका-तिनका कुल बहि जाई। अधिकारी आवा रहै पूछ के चला गएं, कछु कीहिन दीहिन नाही।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रामपुर पुआरी माझा मद्रासी,पनसैवा, नई दुनिया, धनाई का पुरवा, मडना माझा , बलुइया माझा, सेवरहवा , मूडाडीहा माझा, उरदहवा,पूरे चेतन, सलेमपुर माझा , पिपरीसंग्राम, गिलेंट , काजीपुर माझा समेत कई गांव बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गए हैं। रामपुर पुआरी माझा के लल्लू निषाद, राजेश निषाद ,सियाराम, गोरखनाथ निषाद, रिंकू निषाद, जगरानी कहते हैं कि पानी से गृहस्थी का सारा सामान डूब कर खराब हो गया। जानवरों के लिए रखा भूसा पानी में डूब गया। जिससे चारे का संकट खड़ा हो गया है। गेहूं चावल पानी में डूब जाने से अब खाने का संकट भी खड़ा हो जाएगा। मिट्टी के तेल को कौन कहे कहीं से एक मोमबत्ती तक नहीं मिली।
प्रधान रमेश निषाद ने बताया कि पानी इतना बढ़ गया है की घरों में घुस गया है। मड़ना के प्रधान प्रतिनिधि ओम प्रकाश यादव ने बताया की बाढ़ के पानी से नदी के किनारे के गांव पूरी तरह गिर गए हैं। मूड़ाडीहा कम्पोजिट विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सरोजनी देवी ने बताया पानी से विद्यालय का परिसर भर गया है। इसकी सूचना बीएसए को दी गई है। दूसरी ओर मंगलवार को एसडीएम सदर राम कुमार शुक्ला ने बाढ़ क्षेत्र के गांवों का दौरा कर लेखपालों को बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाकर जल्द तहसील भेजने का निर्देश दिया है।
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