बरेली: सेकेंडरी में हसन, सीनियर सेकेंडरी में आजम जिला टॉपर
बरेली,अमृत विचार। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद (मदरसा बोर्ड) ने बुधवार को सेकेंडरी, सीनियर सेकेंडरी, कामिल और फाजिल कक्षाओं का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। इस बार जिले का कोई भी विद्यार्थी राज्य की टॉप-10 सूची में स्थान नहीं पा सका है। वहीं, बदायूं के दो छात्रों ने कामिल और फाजिल में राज्य में …
बरेली,अमृत विचार। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद (मदरसा बोर्ड) ने बुधवार को सेकेंडरी, सीनियर सेकेंडरी, कामिल और फाजिल कक्षाओं का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। इस बार जिले का कोई भी विद्यार्थी राज्य की टॉप-10 सूची में स्थान नहीं पा सका है।
वहीं, बदायूं के दो छात्रों ने कामिल और फाजिल में राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है। कामिल में बदायूं के सहसवान स्थित मदरसा अफजल उलूम के छात्र मुहम्मद आदिल खान ने 83.06 प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में टॉप किया है। वहीं, फाजिल में सहसवान के ही अल-जामेतुल रजविया के छात्र सलीम अख्तर ने 83.75 प्रतिशत अंक पाकर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
बरेली में मदरसा बोर्ड की परीक्षा के लिए करीब 7,500 विद्यार्थी पंजीकृत थे। इसके सापेक्ष 6800 परीक्षा में शामिल हुए। मदरसे के परिणाम में छात्रों का दबदबा रहा है। सभी टॉपर छात्र बने हैं। सेकेंडरी (हाईस्कूल) में मदरसा इंडियन हैरिटेज पब्लिक स्कूल एकेडमी के छात्र मुहम्मद हसन रजा ने 81 प्रतिशत अंकों के साथ जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
वहीं, सीनियर सेकेंडरी (इंटरमीडिएट) में मदरसा जहांगीरिया अंशानुल बरकात के मुहम्मद आजम 84.2 प्रतिशत अंकों के साथ जिले में प्रथम आए हैं। कामिल कक्षा में जामिया नूरी रजविया के छात्र मुहम्मद शाकिब रजा और फाजिल में इसी मदरसे के मुनीर अहमद ने जिला टॉप किया है। जिला अल्संख्यक कल्याण अधिकारी जगमोहन सिंह ने सफल विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
पिछली बार प्रदेश में बनाया था स्थान
गत वर्ष मदरसा परीक्षा में जिले के पांच विद्यार्थियों ने राज्य की टॉप-टेन सूची में स्थान बनाया था। मदरसा शिक्षक संघ के अध्यक्ष मुहम्मद शकील ने कहा परिणाम अच्छा रहा है। सफल छात्रों की संख्या अधिक है।
पिछले साल ही बदला पाठ्यक्रम
मदरसा बोर्ड ने गत वर्ष पाठ्यक्रम से लेकर पेपरों में व्यापक बदलाव किया था। एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम, बदले स्वरूप के अंतर्गत परीक्षा हुईं। यह भी एक कारण है कि छात्र राज्य की टॉप-टेन सूची में स्थान पाने से वंचित रहे हैं।