अयोध्या: गणेश चतुर्थी पर विराजमान होंगे बप्पा, पंडालों में लगेंगी ईको फ्रेंडली मूर्तियां

अयोध्या: गणेश चतुर्थी पर विराजमान होंगे बप्पा, पंडालों में लगेंगी ईको फ्रेंडली मूर्तियां

अयोध्या, अमृत विचार। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश घर-घर विराजेंगे। बुधवार से शुरू हो रहे महोत्सव की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। पंडालों में इस बार ईको फ्रेंडली मूर्तियां रखी जाएंगी। 9 सितंबर तक चलने वाले महोत्सव में लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार बप्पा को विराजमान कराएंगे। घरों में भगवान को स्थापित करने …

अयोध्या, अमृत विचार। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश घर-घर विराजेंगे। बुधवार से शुरू हो रहे महोत्सव की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं। पंडालों में इस बार ईको फ्रेंडली मूर्तियां रखी जाएंगी। 9 सितंबर तक चलने वाले महोत्सव में लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार बप्पा को विराजमान कराएंगे। घरों में भगवान को स्थापित करने के लिए छोटी-छोटी मूर्तियों में भी इजाफा हुआ है। दस दिन पूजन और भोग के भी अलग-अलग विधि-विधान हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित रामानंद पांडेय ने बताया कि भगवान को शुभ मुहूर्त में ही स्थापित करें। 31 अगस्त की सुबह से ही चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी और दोपहर 3 बजे तक रहेगी। दोपहर से पहले ही गणेश जी की स्थापना कर लें। उन्होंने बताया कि सुबह 7:30 से 9 बजे के बीच अमृत चौघड़िया में गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं। इसके बाद 10:44 से 12 बजे के बीच शुभ चौघड़िया में गणेश जी की स्थापना का श्रेष्ठ मुहूर्त होगा। 12 से 1:30 बजे के बीच राहु काल में गणेश स्थापना से परहेज करें। पंडित रामानंद पांडेय ने बताया कि गणेशपुराण, धर्म सिंधु व निर्णय सिंधु की मान्यता के अनुसार भगवान गणेश के 10 रूपों की आराधना करने से पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

25 हजार रुपये तक की मूर्तियां
देवकाली स्थित मूर्तियों के कारीगर उत्तम ने बताया कि वह बंगाल से दो माह पहले आए हैं। इस बार भी मिट्टी की बनी ईकोफ्रेंडली मूर्तियों की मांग अधिक है। उनके यहां 25 हजार रुपये तक की मूर्तियां है। अब तक वह 150 से भी अधिक मूर्तियां बेच चुके हैं।

इन 10 रूपों में पूजा करने से मिलेगा धन, बल व प्रतिष्ठा
1-गणधिप: इस रूप में पूजा करने से उच्च पद की प्राप्ति होती है।
2-उमा पुत्र : भगवान के इस रूप में पूजा करने से वंश में वृद्धि होती है।
3-अघनाशन: इस रूप की पूजा से व्यर्थ चिंता, दरिद्रता व आघात का शमन होता है।
4-विनायक: इनकी पूजा करने से बच्चों में बौद्धि कुशलता, संस्कार व नीति निपुणता आती है।
5-ईश पुत्र: इस रूप में पूजा करने से रिश्तों में मिठास व कार्य सिद्धि होती है।
6-सर्व सिद्धि प्रदायक: इनकी पूजा करने से कई सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
7-एकदंत: इनकी पूजा करने से शत्रु विनाश व अज्ञात बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
8-इभवक्र: इनकी पूजा से जन्म पत्रिका में मौजूद पाप ग्रहों का दोष समाप्त हो जाता है।
9-मूषक वाहन: इनकी पूजा करने से नौकरी में तरक्की व व्यापार में सफलता मिलती है।
10-कुमार गुरु: इनकी पूजा करने से उच्च शिक्षा में सफलता व पद की प्राप्ति होती है।

हर दिन अलग-अलग भोग चढ़ाएं
1-मोदक
2-बेसन के लड्डू
3-मोतीचूर के लड्डू
4-केले का भोग
5-मखाने की खीर
6-मेवे का भोग
7-नारियल से बने लड्डू
8-दूध से बनी मिठाई
9-केसर से बनाए गए श्रीखंड
10-मालपुओं का भोग लगाएं

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