विश्व स्तनपान सप्ताह पर बरेली कॉलेज राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई प्रथम ने किया ई- संगोष्ठी का आयोजन

विश्व स्तनपान सप्ताह पर बरेली कॉलेज राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई प्रथम ने किया ई- संगोष्ठी का आयोजन

बरेली, अमृत विचार। बरेली कॉलेज, बरेली राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई- प्रथम द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त 2022 के अंतर्गत मनुष्य के जीवन में प्रथम 1000 दिनों के महत्व पर ई- संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता बरेली शहर के प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.कुलदीप गंगवार रहे। डॉ कुलदीप गंगवार …

बरेली, अमृत विचार। बरेली कॉलेज, बरेली राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई- प्रथम द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह 1 से 7 अगस्त 2022 के अंतर्गत मनुष्य के जीवन में प्रथम 1000 दिनों के महत्व पर ई- संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता बरेली शहर के प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.कुलदीप गंगवार रहे।

डॉ कुलदीप गंगवार ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि जन्म लेने के उपरांत बच्चे में 1 वर्ष के अंदर 97 फीसदी मस्तिष्क का निर्माण होता है । तथा यह मस्तिष्क मां के स्तनपान द्वारा ही पूर्ण रूप से विकसित होता है इस दौरान यदि बच्चे को मां के द्वारा स्तनपान नहीं कराया जाता है तब बच्चा आगे चलकर दिमागी रूप से विकसित नहीं होगा तथा उसका बुद्धिमत्ता स्तर या आई क्यू लेवल बहुत कम हो जाएगा इसलिए बच्चे के भविष्य में कुशाग्र होने के लिए स्तनपान अति आवश्यक है।

कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों द्वारा अलग-अलग प्रश्न पूछे गए जैसे बच्चे के जन्म के उपरांत उसको परिवार द्वारा शहद चटाना कितना उपयुक्त है? जिसका उत्तर में डॉ. कुलदीप गंगवार ने बताया कि नवजात बच्चे को शहद नहीं चटाना चाहिए क्योंकि शहद से उसको संक्रमण हो सकता है

प्रतिभागियों ने प्रश्न किया कि अक्सर 1 या 2 वर्ष के बच्चे की आंखों में काजल लगाया जाता है क्या काजल लगाना उपयुक्त है? जिसके जवाब में डॉ.कुलदीप गंगवार ने कहा कि काजल में लैड होता है जो आंख से नाक में जाने वाली ग्रंथियों को बंद करता है अथवा कई बार यह कैंसर जनित बीमारी भी पैदा कर सकता है।

प्रतिभागियों ने बहुत सारे रोचक प्रश्न भी डॉ. कुलदीप गंगवार से पूछें जिसमें एक प्रतिभागी ने कहा कि बच्चे के जन्म के उपरांत बाल जीवन घुट्टी क्या मां के दूध से अधिक कारगर है जिसके उत्तर में डॉ. कुलदीप गंगवार ने कहा कि ऐसा नहीं है, मां के दूध से उत्तम कुछ भी नहीं कहावत में लोग अक्सर कहा करते हैं कि यदि मां का दूध पिया है तभी आप इस काम को कर सकते हैं ऐसा कोई नहीं कहता कि यदि आपने घुट्टी पी है तब इस काम को कर पाएंगे

कार्यक्रम के प्रारंभ में बरेली कॉलेज, बरेली की ओर से रसायन विभाग के प्रोफेसर डॉ मोहन भूषण कलहंस जी ने आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ कुलदीप गंगवार जी सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम संयोजक डॉ राजीव यादव ने कार्यक्रम के अंत में मुख्य वक्ता एवं समस्त प्रतिभागियों का आभार जताया।

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