Photos: सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बनेगा रेलवे स्टेशन, ये तस्वीरें देखीं आपने?

Photos: सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बनेगा रेलवे स्टेशन, ये तस्वीरें देखीं आपने?

अहमदाबाद। रेल मंत्रालय ने बताया है कि सोमनाथ रेलवे स्टेशन (गुजरात) को सोमनाथ मंदिर की तर्ज़ पर पुनर्विकसित किया जाएगा। मंत्रालय ने रेलवे स्टेशन के प्रस्तावित लुक की तस्वीरें शेयर कर बताया कि यह प्रस्तावित डिज़ाइन परंपरा, संस्कृति और आधुनिकता के मिश्रण को प्रदर्शित करता है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इन तस्वीरों …

अहमदाबाद। रेल मंत्रालय ने बताया है कि सोमनाथ रेलवे स्टेशन (गुजरात) को सोमनाथ मंदिर की तर्ज़ पर पुनर्विकसित किया जाएगा। मंत्रालय ने रेलवे स्टेशन के प्रस्तावित लुक की तस्वीरें शेयर कर बताया कि यह प्रस्तावित डिज़ाइन परंपरा, संस्कृति और आधुनिकता के मिश्रण को प्रदर्शित करता है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इन तस्वीरों पर कहा, हर हर महादेव…जय सोमनाथ।

बता दें कि गुजरात में एक से बढ़कर एक प्राचीन और भव्य मंदिर हैं। यहां के प्राचीन मंदिरों की वास्तु कला देश के अन्य मंदिरों से बिल्कुल अलग दिखाई पड़ती है। राज्य के कई मंदिर देश ही नहीं बल्कि विश्व में प्रसिद्ध हैं। गुजरात का सबसे चर्चित मंदिर सोमनाथ है। यह द्वादश ज्योतिर्लिंग में सर्वप्रथम माना जाता है। सोमनाथ का अर्थ है, भगवानों के भगवान, जिसे भगवान शिव का अंश माना जाता है। गुजरात का सोमनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

ऐसी मान्यता है कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण चंद्रदेव द्वारा कराया गया था जिसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। यह मंदिर गुजरात के वेरावल बंदरगाह पर स्थित है। अपने वैभव के चलते सोमनाथ मंदिर विदेशी अक्रांताओं का खूब शिकार हुआ। इस मंदिर पर 17 बार हमले किए गए और यहां की धनसंपदा को लूटा गया। आधुनिक सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1955 में कराया था। इसके बाद देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने इसे देश को समर्पित किया था.आज इस मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए आते हैं।

सोमनाथ से जुड़े रोचक तथ्य
सोमनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग में रेडियोधर्मी गुण है जो जमीन के ऊपर संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। सोमनाथ मंदिर के शिखर की ऊंचाई 150 फीट है. मंदिर के शिखर पर स्थित कलश का वजन 10 टन है। सोमनाथ मंदिर के दक्षिण में समुद्र के किनारे एक स्तंभ है जिसे बाणस्तंभ के नाम से जाना जाता है। इसके ऊपर तीर रखा गया है जो यह दर्शाता है कि सोमनाथ मंदिर और दक्षिण ध्रुव के बीच पृथ्वी का कोई भाग नहीं है।
सोमनाथ में तीन नदियों हिरण, कपिला और सरस्वती का संगम है और इस त्रिवेणी में लोग स्नान करने आते हैं। मंदिर नगर के 10 किलोमीटर में फैला है और इसमें कुल 42 मंदिर है। सोमनाथ मंदिर को शुरूआत में प्रभास क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता था। यहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपना देहत्याग किया था जिसके चलते इस मंदिर की महत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है।
आगरा में रखे देवद्वार सोमनाथ मंदिर के ही है जिन्हें महमूद गजनवी अपने साथ लूट कर ले गया था। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से पहला ज्योतिर्लिंग है इसकी स्थापना के बाद अगला ज्योतिर्लिंग वाराणसी, रामेश्वरम और द्वारका में स्थापित किया गया था. इस कारण शिव भक्तों के लिए यह एक महान हिंदू मंदिर माना जाता है।
सोमनाथ मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल है। सोमनाथ मंदिर सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक खुला रहता है. मंदिर में तीन बार आरती होती है। सोमनाथ मंदिर परिसर में ही रात साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक लाइट एंड साउंड शो चलता है। ज्यादातर पर्यटक सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला को देखने के लिए भी आते हैं।

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