मुरादाबाद : प्रदेश के हर जिले में बनेंगी दो-दो हाईटेक नर्सरियां

मुरादाबाद : प्रदेश के हर जिले में बनेंगी दो-दो हाईटेक नर्सरियां

आशुतोष मिश्र, अमृत विचार। किसानों की आमदनी दो गुना करने के अभियान में सरकार ने चरणबद्ध कार्य शुरू कर दिया है। सब्जी की अगेती खेती और परंपरागत उत्पादों में वैल्यू एडिशन इस योजना का अहम हिस्सा है। इस लक्ष्य के मद्देनजर प्रदेश के हर जिले में दो-दो हाई-टेक नर्सरियां बनाई जाएंगी, जहां अगेती सब्जी के पौधे …

आशुतोष मिश्र, अमृत विचार। किसानों की आमदनी दो गुना करने के अभियान में सरकार ने चरणबद्ध कार्य शुरू कर दिया है। सब्जी की अगेती खेती और परंपरागत उत्पादों में वैल्यू एडिशन इस योजना का अहम हिस्सा है। इस लक्ष्य के मद्देनजर प्रदेश के हर जिले में दो-दो हाई-टेक नर्सरियां बनाई जाएंगी, जहां अगेती सब्जी के पौधे तैयार होंगे।

यह बात प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान विभाग के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने यहां क्षेत्रीय दौरे पर कही। शाही ने मंगललवार को बिलारी में अमृत विचार से बातचीत में खेती और खेतिहर के लिए सरकार की योजनाओं पर विस्तार से बातचीत की। बोले, हम खेती के विविधीकरण से किसानों की आमदनी दो गुना करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए देश के हर जिले में दो-दो हाईटेक नर्सरी स्थापना की जाएगी। इन नर्सरियों में 20 से 25 दिन में सब्जी के पौधे तैयार हो जाएंगे। नर्सरी से यह पौधा लागत दर पर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसान चाहे तो एक रुपए खर्च अदाकर 20 से 25 दिन में अपने बीज का पौधा तैयार कर सकेंगे।

उन्होंने दावा किया कि इस अगेती सब्जी की खेती से हम दिल्ली और गुड़गांव से पहले अपने खेतों में सब्जी तैयार कर लेंगे। शाही ने कहा कि फूलों की खेती सरकार की प्राथमिकता में है। प्रयोग के तौर पर विभागीय बैठक को कार्यशाला में हमने अनिवार्य किया है। सुझाव दिया है कि सरकारी आयोजनों में विभाग बाहर से फूलों की खरीद न करे। अपने फार्म हाउस और प्रयोगशाला में उगे फूल तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की उस योजना पर सिलसिलेवार आगे बढ़ रहीं हैं, जिससे हम किसानों की आमदनी दो गुना तक कर पाएंगे। साथ ही खेती की लागत कम करना भी उसी का हिस्सा है। इसीलिए रासायनिक उर्वरकों की जगह जैविक और परंपरागत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री ने खेती में देश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है, इसीलिए किसानों को गन्ना के साथ आलू, मक्का, मसूर, चना के अतिरिक्त उत्पादन का लक्ष्य दिया है। शाही ने कहा कि वैज्ञानिक परीक्षण में यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि दलहनी फसलों के उत्पादन से धरती को 20 प्रतिशत नाइट्रोजन की आपूर्ति हो जाएगी। जमीन की सेहत ठीक करके हम बेहतर और उन्नतशील खेती कर सकते हैं। इसीलिए सरकार की ओर से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रह है। प्राकृतिक खेती पहले हमें वातावरण के तापमान नियंत्रित में मदद मिलेगी और प्रदूषण घटने से खेती में उत्पादन बढ़ेगा। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों को भी नर्सरियों से जोड़ने की तैयारी है।

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